By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 03, 2020
नयी दिल्ली। देशभर में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के 500 से अधिक मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या 2,500 को पार कर गई, जबकि इनमें से 76 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये अगले कुछ सप्ताह तक लोगों की जांच करने, संक्रमितों का पता लगाने, उन्हें पृथक रखने जैसे उपायों पर ध्यान देने को कहा ताकि जीवन का नुकसान कम से कम हो।
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उन्होंने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सड़कों पर लोगों की आवाजाही ‘‘क्रमबद्ध ढंग’’ से सुनिश्चित करने के बारे में राज्यों से साझा रणनीति बनाने को भी कहा। पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी का निजामुद्दीन क्षेत्र, तबलीगी जमात के एक विशाल कार्यक्रम के कारण कोरोना वायरस प्रकोप का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। अधिकारियों ने कहा कि देशभर में लगभग 9,000 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें जमात के सदस्य और उनके संपर्कों में आये लोग शामिल हैं। इसमें जमात से जुड़े 1,306 विदेशी नागरिक शामिल हैं। इन सबको पृथक रखा गया है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और तेलंगाना सहित विभिन्न राज्यों द्वारा घोषित आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को कम से कम 556 पॉजिटिव मामलों का पता चला है, जिससे देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 2,507 तक पहुंच गई। आज दिनभर में कम से कम 17 और मौतें हुईं। अधिकारियों का कहना है कि नये मामलों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी दिल्ली के निजामुद्दीन में जमात के कार्यक्रम की वजह से हुई है। बहरहाल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के कुल 2,069 मामले हैं और 53 लोगों की मौत हुई है। संक्रमितों में 55 विदेशी नागरिक शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश भर में तबलीगी जमात के सदस्यों और उनके संपर्क में आए करीब 9000 लोगों को अब तक पृथक रखा गया है। मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में तबलीगी जमात के ऐसे करीब 2000 सदस्यों में से 1804 को पृथक (क्वारंटीन) केंद्रों में भेज दिया गया है जबकि लक्षण वाले 334 सदस्यों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना वायरस से संक्रमण एवं मौत के मामलों में वृद्धि होने के बीच प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद में कहा कि इससे निपटने के लिये युद्ध स्तर पर काम करना, वायरस के संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान करना एवं उन्हें घेरे में लेना और वायरस को फैलने से रोकना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि राज्यों और केंद्र को ‘लॉकडाउन समाप्त होने’ के बाद फिर से सड़कों पर लोगों की आवाजाही क्रमबद्ध ढंग से सुनिश्चित करने के बारे में साझा रणनीति अवश्य तैयार करनी चाहिए।
उन्होंने राज्यों से विचार-मंथन करने और इस रणनीति के बारे में सुझाव भेजने को कहा। उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व को भी दोहराया। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से राज्य, जिला, शहर एवं ब्लॉक स्तरों पर विभिन्न समुदायों के प्रमुखों एवं समाज कल्याण संगठनों, सभी सम्प्रदाय के धर्मगुरुओं से संपर्क करने की अपील की, ताकि महामारी के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक-दृष्टिकोण के आधार पर एकजुट मोर्चा बनाया जा सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस के लगभग 400 ऐसे मामलों का पता चला है कि जिनका संबंध तबलीगी जमात के इज्तिमे (धार्मिक कार्यक्रम) से हो सकता है। मंत्रालय ने संकेत दिया कि वायरस की जांच और इससे संक्रमित लोगों का पता लगाने का काम तेज कर दिया है, लिहाजा संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, कैबिनेट सचिव ने कल वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये मुख्य सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों का तेजी से पता लगाने और युद्ध स्तर पर रोकथाम के उपाय लागू करने के लिये कहा था। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस से संक्रमित लगभग 400 ऐसे लोगों का पता लगाया गया है, जिनका संबंध तबलीगी जमात के इज्तिमे (धार्मिक कार्यक्रम) से हो सकता है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा। भल्ला ने कहा कि इन कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद हालात के आधार पर अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बहाल करने पर विचार होगा। यह इस पर भी निर्भर करेगा कि उड़ानें किस देश से आ रही हैं। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को 15 अप्रैल तक इंतजार करना होगा। ऐसे में भारत से अपने देशों में जाने वाले विदेशी नागरिकों को ले जाने वाली उड़ानें किसी यात्री को लेकर वापस नहीं आएगी। एयर इंडिया की कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (बंद) के बीच देश में फंसे विदेशियों को उनके देश भेजने के उद्देश्य से, चार से सात अप्रैल के बीच लंदन तक विशेष उड़ानें संचालित करने की योजनाहै। हालांकि, विमानन नियामक डीजीसीए की अनुमति से इस अवधि के दौरान मालवाहक विमान और अन्य विशेष विमान उड़ान भर सकते हैं। इस बीच, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल सहित कई राज्यों में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज की गई।
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महाराष्ट्र में, आज कम से कम 81 और अधिक मामले सामने आये, जिससे राज्य में संक्रमितों की संख्या 416 पहुंच गई, जबकि दो और रोगियों की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए दो लोगों की मौत बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के कारण हो गई। डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मरकज से निकाले गए 2,346 लोगों में से 108 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आगामी दिनों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि सरकार ने मरकज से निकाले गए सभी लोगों की जांच कराने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल मामले 219 हैं जिनमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कोविड-19 के 208 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें कोविड-19 का संक्रमण पाया गया था। इनमें से 202 की हालत स्थिर है जबकि शेष को छुट्टी दी जा चुकी है। बाद में रात में, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि एक दिन में 141 ताजा मामले सामने आने के साथ दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 293 तक पहुंच गई है। आज दो लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक इससे कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है। कुल पुष्टि किए गए मामलों में से, 182 लोगों ने पिछले महीने निजामुद्दीन क्षेत्र में धार्मिक सम्मेलन में भाग लिया था। विश्वभर में 9,44,000 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जबकि करीब 48,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।