पीएम मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है। कितना अच्छा योगदान इसने दिया है। जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है। भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है। इस सदन ने बनते हुए इतिहास को देखा है। पीएम ने स्थायित्व और विविधता को इस सदन की सबसे बड़ी खासियत बताया।स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है। इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थय मूल्यवान होता है। मोदी ने कहा कि राज्यसभा का फायदा है कि यहां वैज्ञानिक, कलाकार और खिलाड़ी जैसे तमाम व्यक्ति आते हैं जो लोकतांत्रिक तरीके से चुने नहीं जाते हैं। बाबा साहेब इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। वे लोक सभा के लिए नहीं चुने जा सके लेकिन वे राज्यसभा पहुंचे। बाबा साहेब अंबेडकर के कारण देश को बहुत कुछ प्राप्त हुआ।
बता दें कि राज्यसभा की बैठक व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के मुताबिक निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल को पहली पंक्ति में जगह मिली वहीं हरदीप पुरी को पांचवी पंक्ति से दूसरी लाइन में लाया गया। सुरेश प्रभु को दूसरी पंक्ति में जगल मिली। शरद पवार को टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन टीएमसी के बगल में जगह दी गई। इसके साथ ही शिवसेना को विपक्षी दलों के साथ एनसीपी के बदल जगह दी गई। इसके साथ ही राज्यसभा में मार्शलों की वर्दी बदली गई।