By आरती पांडेय | Jul 05, 2021
वृहद वृक्षारोपण पर्यावरण में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखने में मददगार होगा। पेड़ों की सुरक्षा के लिए भौगोलिक टैगिंग के साथ ही ट्री गार्ड भी लगाए जाएंगे। वन संरक्षक प्रमोद गुप्ता ने कहा कि पौधारोपण कर हम पुनः हिरयाली को ला सकते हैं। वन महोत्सव के चौथे दिन रविवार को जनपद में अभियान चलाकर 14 लाख 73 हजार 200 पौधे का रोपण किया गया। शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुरूप वाराणसी जनपद में स्मृति वाटिका की स्थापना भी की गई है।
रमना स्थित गड़वाघाट पर गंगा किनारे तीन हजार पौधे कोरोना वारियर्स के नाम से लगाए गए। साथ ही स्मृति वाटिका का स्थापना किया गया। पौधारोपण महाअभियान का शुभारंभ गड़वाघाट से अपर मुख्य सचिव और जिले के नोडल अफसर डॉ देवेश चतुर्वेदी ने हवन पूजन किया। साथ ही पर्यावरण संरक्षण की कामना की गई।
डॉ देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि 2.5 हेक्टेयर ग्राम समाज की भूमि पर गंगा तट पर ग्रीन बेल्ट के रुप में संरक्षित कर विकसित किया जाएगा। इस वर्ष कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौधे को अधिकाधिक संख्या में रोपित किये जाने के लिए पौधारोपण का थीम है। वृहद वृक्षारोपण पर्यावरण में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखने में मददगार होगा। पेड़ों की सुरक्षा के लिए भौगोलिक टैगिंग के साथ ही ट्री गार्ड भी लगाए जाएंगे। वन संरक्षक प्रमोद गुप्ता ने कहा कि पौधारोपण कर हम पुनः हिरयाली को ला सकते हैं। इस अवसर पर विधायक सुंरेंद्र नारायण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी, कालिका सिंह, अनिल सिंह, राजेश शुक्ला, राजेश श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद थे।
वन महोत्सव के अभियान में चिको (सपोटा) अमलतास, गुलमोहर, बॉटल ब्रश, कचनार, बॉटल पाम, अशोक, बॉटल ब्रश, एलस्टोनिया, अशोक, नीम, अर्जुन, मौलश्री, गुलमोहर, चंपा जैसे विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। इनमें निम्बू, जटरोफा, हिबिस्कस, हैमेलिया, चांदनी, जस्टिसिया, शेफलेरा, मुरैना, रात की रानी, बोगनविलिया, संसेविया, सिनगोनियम, ज़ेब्रिना, आईपोमिया, एनर्मी आदि भी शामिल रहें।