By अनन्या मिश्रा | Apr 07, 2025
धार्मिक मान्यता है कि बाबा नीम करोली को हनुमान जी के साक्षात दर्शन हुआ थे। तो वहीं कुछ लोग बाबा नीम करोली को हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। इसी वजह से हर साल भारी संख्या में भक्त बाबा नीम करोली के आश्रम पहुंचते हैं और वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। ऐसे में अगर आप भी बाबा नीम करोली के आश्रम जाना चाहते हैं, तो आप हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर जा सकते हैं। यह दिन कैंची धाम की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त होगा। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैंची धाम की यात्रा कैसे करें और इसके लगभग कितना खर्च आएगा।
ऐसे पहुंचे कैंची धाम
उत्तराखंड के नैनीताल शहर के पास कैंची धाम में नीम करोली बाबा का आश्रम है। अगर आप दिल्ली से कैंची धाम की यात्रा पर जाते हैं, तो सबसे पहले आपको नैनताल पहुंचना होगा। दिल्ली से नैनीताल की दूरी 324 किमी है। आप ट्रेन या बस से साढ़े छह-सात घंटे में नैनीताल पहुंच सकते हैं। नैनीताल से कैंची धाम आश्रम की दूरी महज 17 किमी है। यहां पर सड़क मार्ग के जरिए पहुंच सकते हैं। नैनीताल से कैंची धाम आश्रम पहुंचने के लिए आप किराए पर स्कूटी ले सकते हैं।
हवाई अड्डा या रेलवे स्टेशन
अगर आप हवाई यात्रा करके कैंची धाम आश्रम आते हैं, तो यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट 70 किमी दूर पंतनगर है। फिर यहां से आप नीम करोली पहुंचने के लिए टैक्सी या बस कर सकते हैं। वहीं अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं, तो नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। जहां से आश्रम की दूरी 38 किमी है।
जानिए कितना आएगा खर्च
अगर आप दिल्ली से नैनीताल ट्रेन या फिर बस से जा रहे हैं, तो करीब 300 से 800 रुपए टिकट पर खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं आगे का सफर आप बस या टैक्सी से कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली से बाबा नीम करोली के आश्रम तक पहुंचने के लिए 700-1000 रुपए तक खर्च आ सकता है। वहीं आश्रम में आपको रहने के लिए शयनगृह तक निजी कमरे मिल जाते हैं। यहां पर रुकने का किराया 200 रुपए प्रतिदिन हो सकता है। वहीं आपको खाने-पीने के लिए खर्च करना पड़ेगा।
इन चीजों को करें एक्सप्लोर
बता दें कि आप कैंची धाम में नीम करोली बाबा के आश्रम घूमने के साथ ही वहां के निवासी भिक्षुओं द्वारा आयोजित सत्संग में भाग ले सकते हैं। आश्रम में पुस्तकालय भी है, जहां पर आप आध्यात्मिक अनुभव के साथ दर्शन पर किताबें पढ़ सकते हैं। इसके साथ ही आप यहां की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकते हैं, पहाड़ियों में ट्रैकिंग कर सकते हैं और जंगल की सैर कर सकते हैं।