By एकता | Aug 01, 2022
कनाडा के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शारीरिक संबंधों के नियमों पर के बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि पार्टनर की अनुमति के बिना सेक्स के दौरान कंडोम निकालना एक यौन अपराध है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को लागू कर दिया गया है। जिसका मतलब साफ़ है कि अब अगर कनाडा में कोई व्यक्ति पार्टनर के साथ सेक्स करने के दौरान उसकी सहमति के बिना कंडोम हटाता है तो शिकायत होने पर उसपर यौन उत्पीड़न का मुकदमा चल सकता है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला साल 2017 के एक मामले में सुनाया गया है। जिसमें दो लोगों की ऑनलाइन बातचीत शुरू हुई और फिर उन्होंने मिलने का फैसला किया। दोनों की जब मुलाकात हुई तो उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान महिला ने व्यक्ति को कंडोम के साथ सेक्स करने की अनुमति दी थी, लेकिन उसने दो में से एक बार कंडोम नहीं पहना था। इस बात से महिला अनजान थी, मगर बाद में पता चलने के बाद उसे एचआईवी टेस्ट करवाना पड़ा। इसके बाद महिला ने रॉस मैकेंजी किर्कपैट्रिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया।
खबर के अनुसार, निचली अदालत ने किर्कपैट्रिक के इस तर्क को स्वीकार करते हुए आरोप को खारिज कर दिया था कि कंडोम नहीं पहनने के बावजूद भी महिला ने यौन संबंध बनाने के लिए सहमति दी थी। कोर्ट के इस फैसले को ब्रिटिश कोलंबिया कोर्ट ऑफ अपील ने पलटते हुए एक नई जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद किर्कपैट्रिक ने शीर्ष अदालत में कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसमें पिछले साल नंबर में दलीलें सुनी गयी थीं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा, "कंडोम के बिना संभोग एक मौलिक और गुणात्मक रूप से अलग शारीरिक कार्य है।" पीठ ने इस मामले में 5-4 वोट के बाद फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद किर्कपैट्रिक पर अब यौन उत्पीड़न का मुकदमा चलेगा। इसके अलावा किर्कपैट्रिक के वकील ने कहा कि यह आदेश पूरे देश में लागू होगा जो यौन सहमति के नियमों को काफी हद तक बदल देगा।