राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चुनाव चल रहे हैं तो वित्तीय राजधानी मानी जाने वाली मुंबई में राजनेता परेशान हैं। परेशानी का कारण है फोन टैपिंग... अक्सर आप लोगों ने यह सुना है किसी बड़ी हस्ती, नेता का फोन टैप हो गया। ठीक ऐसा ही महाराष्ट्र में देखने को मिला है। लेकिन सच्चाई कितनी है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। आज के सवाल महाराष्ट्र में घटित हुई घटना पर करेंगे...
किन नेताओं के टैप हुए फोन ?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया, इसके बाद बाकी के दल गठबंधन के प्रयास में जुट गए और जुट गए कि सरकार कैसे बनाई जाए। खबरें हैं कि सरकार गठन की कोशिश कर रहे नेताओं ने फोन टैप हुए। जिनमें नाम शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का है। मने एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के फोन टैप हुए।
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किस पर लगे हैं फोन टैप करने के आरोप ?
फोन टैप का मामला खड़ा होने के बाद प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फडणवीस सरकार पर आरोप लगाया। यह आरोप बेहद गंभीर हैं। देशमुख ने कहा कि अगर फोन टैप वाली बात सच है तो सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सरकारी तंत्र का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए करना गलत है, या यह कहें कि यह राजनीति के धर्म के विरुद्ध है।
मगर सवाल तो यही खड़ा हो रहा है कि क्या फोन टैप हुआ है ? इसी मामले को लेकर गृह मंत्री ने राज्य पुलिस विभाग की साइबर सेल को जांच के निर्देश दिए हैं और कहा है कि इससे जुड़ी हुई सभी शिकायतों पर ध्यान दिया जाए। जब जांच हो रही है तो मामला भी सामने आ जाएगा फिर सूत्रों के हवाले से जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होगी।
एक और बात आपको बताते हैं। अनिल देशमुख ने कहा कि सरकार उन अधिकारियों को भी ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है जिन्हें स्नूपिंग सॉफ्टवेयर का अध्ययन करने के लिए इजराइल भेजा गया था। क्योंकि देशमुख को लगता है कि इन लोगों से काफी जानकारियां मिल सकती हैं।
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फोन टैप की खबर सुन कुछ बोले नेता ?
शिवसेना नेता संजय राउत ने एक मजेदार जवाब दिया। फोट टैप से जुड़ी हुई एक खबर को ट्वीट करते हुए खुद को बाला साहेब का चेला बताया। राउत कहते हैं कि मै बालासाहेब ठाकरेजी का चेला हूं। कोई बात या काम छुप छुपकर नही करता...सुनो मेरी बात...
देख लो भईया... संजय राउत को किसी बात की कोई चिंता नहीं है। और आप सब तो जानते ही हैं कि मुद्दा कोई भी चल रहा हो जब तक उस मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस या फिर ट्वीट नहीं करते हैं मानो खाना ही नहीं पचता है।
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वैसे क्या होता है फोन टैंपिंग ?
जब दो व्यक्ति आपस में बात कर रहे हो तो उसे कोई तीसरा व्यक्ति बिना उन लोगों की परमीशन लिए हुए उनके कॉल को रिकॉर्ड करता हो या सुनता हो उसे ही फोन टैंपिंग कहते हैं। और ये टेलीफोन या इंटरनेट कालिंग के माध्यम से हो सकता है। इसे निजता का हनन माना जाता है। इसीलिए फोन टैंपिंग गैरकानूनी है।
अब आप लोग सोच रहे होंगे कि फोन टैपिंग कब हो सकती है... इंडियन टेलीग्राफ एक्ट, 1885 कहता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास फोन टैपिंग कराने का अधिकार है। अगर किसी सरकारी विभाग जैसे पुलिस या आयकर विभाग को लगता है कि कानून का उल्लंघन हो रहा है।