By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 25, 2019
नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के सरकार के फैसले को सत्तापक्ष ऐतिहासिक बता रहा है तो ज्यादातर विपक्षी दल इस पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस विषय पर पेश है केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से भाषा के पांच सवाल:
प्रश्न: अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल खड़े हो रहे हैं, इस पर आपकी क्या राय है?
उत्तर: इस अनुच्छेद ने जम्मू-कश्मीर को कुछ नहीं दिया है। जो लोग विरोध कर रहे हैं वो राजनीतिक पूर्वाग्रह के कारण ऐसा कर रहे हैं। लेकिन जो भी लोग कश्मीर और उसकी जमीनी हकीकत जानते हैं और राजनीतिक पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर सोचते हैं वो 370 को हटाने के कदम का समर्थन कर रहे हैं।
प्रश्न: क्या इस फैसले को कश्मीर घाटी के लोगों का समर्थन है?
उत्तर: निश्चित तौर पर सबका समर्थन है। अनुच्छेद 370 को हटाए कई दिन बीत गए, लेकिन एक गोली नहीं चली। अगर कोई विद्रोह होता तो लोग कर्फ्यू के बाद भी सड़कों पर आ जाते। ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोगों को पता है कि अनुच्छेद 370 से उन्हें कोई, एक भी फायदा नहीं हुआ है।
प्रश्न: अगर लोगों का समर्थन है तो सुरक्षा से जुड़ी इतनी सख्त पाबंदियां क्यों हैं?
उत्तर: ये कदम मुट्ठी भर अलगाववादियों के लिए है। वे आम लोगों को गुमराह करना चाहते हैं। सुरक्षा से जुड़े कदम उठाए गए हैं ताकि अलगाववादी लोगों को गुमराह नहीं कर सकें। यह एक जिम्मेदार सरकार का काम है कि वह दुष्प्रचार अभियान को रोके।
प्रश्न: क्या 370 के फैसले पर किसी तरह के पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नजर आती है?
उत्तर: एक चीज स्पष्ट है कि 370 हट गया है। अब 370 वापस नहीं आने वाला है क्योंकि यह मोदी सरकार है। हर कोई जानता है कि यह सरकार पूरा सोचकर निर्णय करती है और इसमें फैसला होने के बाद रीथिंक (पुनर्विचार) नहीं होता है। इसलिए इस पर भी रीथिंक का सवाल नहीं है।
प्रश्न: अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की क्या योजनाएं हैं?
उत्तर: अनुच्छेद 370 के कारण शिक्षा, रोजगार, मानवाधिकार, अल्पसंख्यक और बाल अधिकार तथा अन्य विषयों से जुड़े 100 से अधिक कानून लागू नहीं थे। अब हम इन तीनों हिस्सों पर विशेष ध्यान देंगे। स्कूल, कॉलेज, कौशल विकास केंद्र, छात्रावास का निर्माण करेंगे। विकास परियोजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन होगा।