By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2021
उन्होंने कहा, “भारत, दक्षिण अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में कोविड-19 के मामलों की हालिया वृद्धि ने लोगों को हमारी आंखों के सामने सांसों के लिए सचमुच संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया है। वैश्विक महामारी अब भी हमारे बीच है और स्वरूप बदल-बदल कर फल-फूल रही है।” उन्होंने कहा, “यह साफ तौर पर समझ लें कि हम वायरस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं और अगर आप वायरस के साथ युद्ध कर रहे हैं, तो हमें युद्ध परिदृश्य के नियमों के हिसाब से अपने हथियारों से लड़ना होगा और हम अब भी वह नहीं कर रहे हैं। यह बात टीकों के लिहाज से सच है और यह वायरस के खिलाफ जंग में दूसरे तत्वों के लिहाज से भी सच है।” कोवैक्स को जहां अब तक पूरे विश्व में 17 करोड़ टीके पहुंचा देने चाहिए थी, लेकिन टीकाकरण को लेकर राष्ट्रवाद, सीमित उत्पादन क्षमता और वित्तपोषण के अभाव में यह आंकड़ा महज 6.5 करोड़ पर है।
गुतारेस ने कहा, “मैं जी20 देशों से वित्तीय मदद देने और उदाहरण पेश कर अगुवाई करने का आह्वान करता हूं। अरबों का निवेश खरबों की बचत करने के साथ ही जीवन बचा सकता है।” गुतारेस ने जोर दिया कि जल्द एवं पूरे विश्व में टीकाकरण तथा निरंतर जन स्वास्थ्य उपायों से ही वैश्विक महामारी को समाप्त किया जा सकता है और अधिक खतरनाक स्वरूपों को पैर जमाने से रोका जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि अब तक दुनिया के 82 प्रतिशत टीकों की खुराक संपन्न देशों को गई है जबकि कम आय वर्ग वाले देशों में महज 0.3 प्रतिशत खुराक पहुंची हैं।