By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 02, 2024
अहमदाबाद। विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान टीके के दुष्प्रभाव को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। कांग्रेस ने मांग की कि कोरोना वायरस रोधी कोविशील्ड टीके लेने के बाद दिल का दौरा या मिलते जुलते कारणों से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
हालांकि, भाजपा की गुजरात इकाई से जुड़े चिकित्सकों ने कहा कि राज्य में विशेषज्ञ समिति के एक अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 रोधी टीकों और रक्त के थक्के के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में स्वीकार किया है कि उसका कोविड टीका रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। भारत में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित इस टीके को कोविशील्ड नाम से जाना जाता है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शक्तिसिंह गोहिल ने सवाल किया कि डब्ल्यूएचओ की सलाह के बावजूद दुष्प्रभाव को लेकर डेटा एकत्र क्यों नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उस समय दुनिया के पास टीकों के दुष्प्रभावों का विश्लेषण करने का समय नहीं था, इसलिए डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि देशों को दुष्प्रभावों के आंकड़ों का रिकॉर्ड रखना चाहिए। अन्य देशों ने इस सलाह का पालन किया और रिकॉर्ड रखा।’’ गोहिल ने दावा किया, ‘‘लेकिन, हमारे देश में ऐसा कोई डेटा एकत्र नहीं किया गया।’’ प्रदेश भाजपा के चिकित्सक प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. धर्मेंद्र गज्जर ने गोहिल के दावों का खंडन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस मिथक फैला रही है। आईसीएमआर ने नवंबर 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी और घोषणा की थी कि टीकों से खून का थक्का नहीं जमता है। एस्ट्राजेनेका ने भी कहा है कि खून के थक्के जमने की संभावना 0.004 प्रतिशत है, जो बहुत कम है। हर टीके के अपने दुष्प्रभाव होते हैं लेकिन, हम जोखिम बनाम लाभ अनुपात को भी ध्यान में रखते हैं।