नवरात्रि के नौ दिन बेहद ही शुभ और लाभदायी माने गए हैं। खासतौर से, श्राद्ध के बाद जब नवरात्रि का पावन अवसर आता है तो अधिकतर लोग उसमें अपने रूके हुए कार्यों को पूरा करते हैं। जहां एक ओर नवरात्रि में किए गए कार्यों पर मां की कृपा बरसती है, वहीं कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जिन्हें खासतौर से नवरात्रि में करने से परहेज करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ खास बातों के बारे में−
न खरीदें पुराना सामान
नवरात्रि के दिनों में लोग अपने घर में कई तरह का सामान लेकर आते हैं। लेकिन अगर आप किसी सेंकड हैंड चीज जैसे फर्नीचर, गाड़ी या बाइक आदि को खरीदने का मन बना रहे हैं तो नवरात्रों में ऐसा न करें। आप इन दिनों नई चीजों की खरीदारी कर सकते हैं, लेकिन पुराना व किसी का इस्तेमाल किया हुआ सामान इन पावन दिनों में लेना शुभ नहीं माना जाता। साथ ही अगर आपके घर में पुराना सामान है तो उसे भी इन दिनों घर से बाहर कर दें। जिस घर में माता की स्थापना की जाती है, वहां पर साफ−सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।
आहार पर ध्यान
मन की शांति आपके आहार पर भी काफी हद तक निर्भर करती है। विशेष रूप से, नवरात्रि के नौ दिन किसी भी व्यक्ति को मांसाहार, मदिरा पान, तम्बाकू व लहसुन−प्याज आदि का सेवन वर्जित माना गया है। जरा सोचिए कि अगर आप लहसुन−प्याज खाने के बाद दुर्गंधित मुंह से अगर माता के मंत्रों का उच्चारण करेंगे तो उसका क्या फल आपको मिलेगा। इसके अतिरिक्त इन चीजों का सेवन घर में भी नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
चमड़े का सामान
जहां तक संभव हो, नवरात्रि के दिनों में चमड़े का सामान जैसे बेल्ट, बैग या जूते आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। किसी मृत जानवर के शरीर के बनाए गए सामान का प्रयोग आपको अशुद्ध बनाता है और जब इन चीजों का सेवन नवरात्रि में किया जाता है तो इसके विपरीत परिणाम ही देखने को मिलते हैं। वहीं, वास्तु शास्त्र में भी जानवरों के अंगों से बने सामान का इस्तेमाल करने से मना किया जाता है।
इसका रखें ध्यान
माता के इन नौ दिनों में शास्त्रों के अनुसार, बाल काटना, शेव करना व नाखून आदि काटना भी उचित नहीं माना जाता। इसलिए कोशिश करें कि आप भी ऐसा न करें।
वहीं अगर आप कोई सामान खरीद रहे हैं तो उसमें काले रंग को जहां तक संभव हो, अवॉयड करें। यह रंग नकारात्मकता का प्रतीक है।
-मिताली जैन
फेंगशुई एक्सपर्ट व वास्तु विशेषज्ञ डॉ. आनंद भारद्वाज से बातचीत पर आधारित