लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये घोषित लॉकडाउन के दौरान दूर-दूर से पैदल अपने घर जा रहे लोगों को उसी स्थान पर किसी स्कूल, धार्मिक स्थल या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रोककर उन्हें ठहराने की व्यवस्था करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिये लागू की गयी लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है। इसके मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की यात्रा उनके तथा उनके परिवार सहित अन्य सम्बन्धियों तथा गृह जनपद के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को जोखिम में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि हर स्तर से अपील की जाए कि बंद की अवधि तक लोग जहां हैं, वहीं रुके रहें।
मीडिया और सोशल मीडिया के साथ-साथ उद्योग तथा श्रमिक संगठन भी श्रमिकों से बंदकी अवधि तक यथास्थान रुकने की अपील करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों को उनकी मौजूदगी वाले इलाके के आसपास किसी विद्यालय, धार्मिक स्थल, सामुदायिक केन्द्र आदि पर रोक कर बंद की अवधि तक भोजन, पेयजल, दवा उपलब्ध करायी जाए। प्रदेश से गुजरने वाले श्रमिक चाहे किसी भी प्रदेश के हों, उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके लिए जिलाधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा तथा उत्तराखण्ड सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उनके राज्यों में प्रदेश के निवासियों को सभी व्यवस्थाएं यथास्थान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
इसे भी पढ़ें: समाजवादी राहत पैकेट की तर्ज पर भूखे-प्यासे लोगों तक खाना-पानी पहुंचाये सरकार: अखिलेश
उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में रहने वाले अपने नागरिकों के कल्याण के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। मालूम हो कि लॉकडाउन के कारण परिवहन की तमाम सेवाएं बंद होने के बाद बड़ी संख्या में खासकर गरीब तबके के लोग अपने घर पहुंचने के लिये पैदल बहुत लम्बी दूरी तय कर रहे हैं। योगी ने नोएडा में कोरोना वायरस से प्रभावित व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अतिरिक्त मेडिकल टीम भेजने के निर्देश देते हुए कहा कि नोएडा में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारणों की पड़ताल की जाए। उन्होंने नोएडा और गाजियाबाद में प्राइवेट क्षेत्र में कोरोना की जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये।