By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 28, 2018
विएना। यूरोपीय संघ में अश्वेत लोगों को जीवन के कई हिस्सों में आज भी बड़े पैमाने पर और गहन पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है। उन्हें नस्लीय उत्पीड़न और हमलों का सामना करना पड़ता है। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह कहा गया। रिपोर्ट की प्रस्तावना में ईयू एजेंसी फॉर फंडामेंटल राइट्स के निदेशक माइकल ओफ्लाहर्टली ने कहा, ‘‘ पूरे यूरोपीय संघ में व्यक्ति की त्वचा के रंग पर आधारित नस्लवाद बड़ा संकट बना हुआ है।’’ रिपोर्ट का शीर्षक है ‘‘ यूरोपीय संघ में अश्वेत होना ’’।
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यह फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत यूरोपीय संघ के 12 देशों के 5,800 से ज्यादा लोगों के वर्ष 2015 और 2016 में लिए गए साक्षात्कारों पर आधारित है। इनमें से 30 फीसदी लोगों ने कहा कि सर्वे से पहले पांच वर्ष में उन्हें किसी न किसी मौके पर नस्लीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। पांच फीसदी ने हिंसक हमले का सामना किया।
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लेकिन ऐसे मामलों में 60 फीसदी से अधिक लोगों ने अधिकारियों को उक्त घटना की जानकारी नहीं दी। उनमें से कई का कहना था कि उन्हें ऐसा लगता था कि इस बारे में किसी को कुछ बताने से भी कुछ नहीं होने वाला, या उनमें से कई को पुलिस पर भी भरोसा नहीं था।