पूर्ववर्ती सरकार पर बरसे ज्योतिरादित्य सिंधिया, बोले- जनता का कांग्रेस से मोह हो गया है भंग

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 14, 2020

भोपाल। भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में जनता का मोह कांग्रेस से भंग हो गया है क्योंकि जब ये सत्ता में थे तो यहां व्यापार और भ्रष्टाचार की सरकार चला रहे थे। सिंधिया मंगलवार को यहां भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती से मिलने उनके निवास पर गये। भारती से मिलने के बाद वहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पूरे प्रदेश की जनता का मोह कांग्रेस से भंग हो गया है। क्योंकि इन्हने 15 महीने व्यापार और भ्रष्टाचार की सरकार चलाई।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘जब ये (कांग्रेस) मध्यप्रदेश की सत्ता में थे। 15 महीने तब पूरा भ्रष्टाचार की सरकार चल रही थी वल्लभ भवन में (मंत्रालय भवन) और इसलिये मैं 90 दिन तक चुप रहा क्योंकि पूरा विश्व और प्रदेश कोरोना की महामारी के प्रकोप में चल रहा था और कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह राजनीतिक रोटी सेंक रहे थे। एक जनसेवा का कार्य नहीं हुआ। 15 महीने जो इन्होंने किया वहीं कोरोना में भी किया और आज इनको जवाब देने के लिये मैं मैदान में आ गया हूं।’’ हालांकि सिंधिया ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के संबंध में पूछे गये सवाल पर बोलने से इंकार कर दिया।

सिंधिया ने कहा कि वह उमा भारती से मिलने और उनका आर्शीवाद लेने के लिये आये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धेय उमा भारती जी के साथ मेरा एक पारिवारिक संबंध सदैव रहा है। उनका आर्शीवाद मुझे प्राप्त हुआ है, मैं सौभाग्यशाली हूं।’’ पत्रकारों से बात करते हुए उमा भारती ने कहा, ‘‘जब मैं आठ साल की थी, तब से मुझे अम्मा जी (विजयाराजे सिंधिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी) का स्नेह मिला है। मैं ज्योतिरादित्य को तब से जाना है जब वह एक बालक थे।’’

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उमा भारती ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आर्शीवाद देते हुए कहा, ‘‘मेरा प्रबल आर्शीवाद उनके साथ है। वह सारे प्रदेश और देश में जगमगायेंगे। उनका नाम ही ज्योतिरादित्य है।’’ मालूम हो कि मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों के राज्य विधानसभा से त्यागपत्र देने से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार 15 महीने में ही गिर गयी थी और चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी है। वे रिकॉर्ड चौथी बार प्रदेश के मुखिया बने हैं। कांग्रेस के अधिकांश बागी विधायक, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।

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