महंगाई की मार झेलते हुए परेशान हो चुकी है जनता, मोदी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

FacebookTwitterWhatsapp

By रमेश सर्राफ धमोरा | Sep 08, 2021

महंगाई की मार झेलते हुए परेशान हो चुकी है जनता, मोदी सरकार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक बार फिर घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमतों में बढ़ोतरी कर आम जन पर करारा प्रहार किया है। केंद्र सरकार द्वारा एक पखवाड़े में दो बार गैस की कीमत बढ़ाए जाने से आम आदमी आक्रोशित नजर आ रहा है। कोरोना प्रबंधन के नाम पर सरकार लगातार पेट्रोलियम पदार्थों के दामो में बढ़ोतरी करती जा रही है। पिछले 15 महीनों में ही सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर 300 रुपयों से अधिक की बढ़ोतरी कर दी है। घरेलू गैस सिलेंडर पर उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी भी लंबे समय से बंद है।

इसे भी पढ़ें: आर्थिक गतिविधियां कोरोना से पूर्व की स्थिति में पहुँचना बड़ा सकारात्मक संकेत

इसी तरह पेट्रोल, डीजल की कीमतों में भी लगातार वृद्धि हो रही है। आज देश में पेट्रोल 110 रुपये प्रति लीटर, डीजल 100 प्रति लीटर से भी अधिक के दर पर बिक रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 से 2021 तक के सात वर्ष के मोदी राज में पेट्रोल में 42 प्रतिशत, डीजल में 32 प्रतिशत व रसोई गैस की कीमतों में 116 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में भारी कमी होने के उपरांत भी सरकार लगातार देश में पेट्रोलियम पदार्थों की दरों में वृद्धि करती जा रही है। इस बाबत सरकार का तर्क भी हास्यास्पद है। सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार करना व देश के सभी लोगों को कोविड-19 का निःशुल्क वैक्सीनेशन करवाने के लिए बड़ी राशि की जरूरत है। जिस कारण सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स की दर कम नहीं कर पा रही है।

 

हाल ही में केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी कर बताया था कि अगस्त महीने में जीएसटी कर संग्रहण के रूप में सरकार को एक लाख बारह हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि मिली है। कोरोना संक्रमण शुरू होने व उसके बाद की परिस्थितियों में भी सरकार का कर संग्रहण निरंतर बढ़ते ही जा रहा है। जिससे हम समझ सकते हैं कि देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह चल रही हैं। जीएसटी के रूप में बहुत बड़ी राशि मिलने के उपरांत भी सरकार घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमत को लगातार बढ़ा रही है। जिसका असर सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है।


आज देश के अधिकांश घरों में रसोई गैस के माध्यम से ही खाना पकाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों ने पारंपरिक चूल्हों पर लकड़ी से खाना पकाना छोड़ दिया है। इस कारण घरेलू गैस सिलेंडरों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम आदमी का नाराज होना स्वाभाविक ही है। घरेलू गैस सिलेंडरों की बढ़ती कीमतों से विशेषकर महिलाओं में ज्यादा नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का मानना है कि सरकार ने हर घर तक गैस सिलेंडर पहुंचा कर लकड़ी के ईंधन से खाना बनाना एक तरह से बंद करवा दिया है। अब फिर से लकड़ी पर खाना बनाना संभव नहीं है। सरकार को घरेलू गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों पर हर हाल में नियंत्रण करना चाहिए।


आम आदमी का साधन माने जाने वाली रेल सेवा को भी सरकार ने गरीबों को लूटने का साधन बना दिया है। कोरोना संक्रमण के बाद से देश में चलने वाली सभी रेलगाड़ियों को विशेष रेल सेवा के नाम से चलाया जा रहा है। जिस पर नियमित रेल सेवा से काफी अधिक किराया वसूला जा रहा है। जिसका भार देश के आम आदमी पर पड़ रहा है। जबकि हवाई यात्रा करने वाले लोगों का किराया नहीं बढ़ाया गया है। सरकार के ऐसे भेदभाव पूर्व रवैये से लोग खुश नहीं हैं। लोगों का मानना है कि सरकार को रेलगाड़ियों का किराया पहले की तरह ही रखना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उद्योगों को रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ाने होंगे

देश में महंगाई लगातार विकराल रूप धारण करती जा रही है। सभी वस्तुओं के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पिछले कुछ महीनों में लोहे, कपड़े की कीमतों में डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी हो चुकी है। यही स्थिति खाद्य पदार्थों की भी है। रसोई में प्रतिदिन उपयोग में लिए जाने वाला खाने का तेल, आटा, चीनी, दालें, अनाज, दूध, चाय पत्ती जैसी वस्तुओं के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खाने के तेल की कीमतें तो गत वर्ष की तुलना में दोगुनी हो चुकी हैं। प्रतिदिन घरेलू उपयोग की अन्य वस्तुओं की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी ने आम आदमी का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। मनरेगा में काम करने वाले लोग व अन्य दिहाड़ी कामगारों के सामने तो रोजमर्रा के घरेलू खर्चे चला पाना भी मुश्किल हो रहा है। प्रतिदिन 200 रुपये की मजदूरी पर मनरेगा में काम करने वाला भूमिहीन मजदूर अपना घर खर्च कैसे चलाएं, यह उसके समझ में नहीं आ रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के लोगों ने लगातार दो बार भारी जन समर्थन देकर प्रधानमंत्री बनवाया है। वही जनता आज महंगाई की मार से बेहाल हो रही है। मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार लगातार टैक्स में बढ़ोतरी कर रही है। कहने को तो सांसदों के वेतन में कुछ कटौती करने का नाटक किया गया था। जबकि हर आदमी को पता है कि सांसदों को वेतन तो नाममात्र का ही मिलता है। भत्तों के रूप में उन्हें प्रतिमाह बड़ी रकम मिलती है जिसमें कोई कटौती नहीं की गई। आज देश में अमीर और अधिक अमीर होता जा रहा है। वहीं गरीब बदतर स्थिति में पहुंच चुका है।

इसे भी पढ़ें: 'भारत मॉडल' अपनाने से खत्म होगा पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं पर मँडराता संकट

महंगाई का विरोध करने पर सरकार समर्थक लोग तर्क देने लगते हैं कि बाजारों में वाहनों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। विलासिता की वस्तुएं लगातार खरीदी जा रही हैं। पेट्रोल पम्पों पर भीड़ लगी रहती है। जब इतना कुछ है तो फिर महंगाई कहां है। मगर ऐसा बोलने वाले वास्तविकता का एक पक्ष दिखाकर दूसरे पक्ष को नजरअंदाज कर जाते हैं। दो पहिया या चार पहिया वाहन हो या महंगी चीजें खरीदने वाले लोग संपन्नता की श्रेणी में ही आते हैं। देश का आम गरीब आदमी कहीं भी महंगी विलासिता की वस्तुएं खरीदते हुये नहीं मिलेगा।


केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए शीघ्र ही प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि देश का आम आदमी राहत महसूस कर सके। कोरोना प्रबंधन के नाम पर आम गरीबों से अधिक टैक्स वसूल करना कहीं से भी न्यायोचित नहीं माना जा सकता है। सरकार को कोरोना प्रबंधन के लिए अपने अन्य स्त्रोतों से फंड की व्यवस्था करनी चाहिए। धनाढ्य लोगों पर अधिक कर लगाकर इसकी भरपाई की जा सकती है। देश के एक गरीब आदमी को सरकार अनुदान के नाम पर जो कुछ सहूलियत दे देती है, उससे कई गुना तो सरकार टैक्स के रूप में वसूल कर लेती है।


देश में बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के मन में मोदी सरकार के प्रति भारी आक्रोश पनप रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का मानना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आम जन की बेहतरी के लिए लगातार दो बार वोट देकर प्रधानमंत्री बनवाया था। मगर मोदी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण करने की दिशा में अभी तक ऐसा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है, जिससे आम आदमी राहत महसूस कर सके।


-रमेश सर्राफ धमोरा

(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनके लेख देश के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।)

प्रमुख खबरें

Khatron Ke Khiladi 15: Rohit Shetty के शो में शामिल होंगी गोविंदा की भतीजी Ragini Khanna, ग्रेसी गोस्वामी और अन्य? यहां देखें संभावित लिस्ट

उपसभापति का पद अभी भी खाली क्यों है? लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से विपक्ष का सवाल

Parliament Live| जानें संसद में आज किन मुद्दों पर हुई चर्चा, लेटेस्ट अपडेट

म्यांमार में इमरजेंसी, बैंकॉक में ट्रेन सर्विस सस्पेंड, भारतीय वायुसेना ने C17 ग्लोबमास्टर को स्टैंडबाय पर रखा