हिमाचल के शांतिप्रिय बहादुर लोग जरूरत पड़ने पर अन्याय, आतंक और देश के गौरव पर किसी भी हमले का बहादुरी से जवाब दे रहे हैं ---राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद

By विजयेन्दर शर्मा | Sep 17, 2021

शिमला। भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने हिमाचल विधानसभा के  स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि देश एक ओर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश  अपनी स्थापना की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है।   उन्होंने कहा कि शिमला विधानसभा के यह कौंसिल चैंबर भवन व परिसर कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहे है।  

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि इसी भवन में विट्ठल भाई पटेल ने 1925 में ब्रिटिश प्रत्याशी को हराकर सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली के अध्यक्ष का चुनाव जीता था अध्यक्ष के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसदीय मर्यादा और निष्पक्षता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी हमारे संसद और विधानसभाओं में एक आदर्श बना हुआ है।  हिमाचल प्रदेश विधानसभा में श्री जसवंत  राम से लेकर ठाकुर सेन नेगी की अपनी समृद्ध परंपरा रही है।  

 

 

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उन्होंने कहा कि इस सत्र में नेता प्रतिपक्ष का संबोधन होना आपकी परिपक्व लोकतांत्रिक संस्कृति का अनुकरणीय उदाहरण है। इस स्वस्थ परंपरा के बीच आपके पूर्ववर्ती जननायकों द्वारा संचालित आजादी की लड़ाई और उसके बाद राज्य के लिए सर्वथा संवैधानिक तरीके से संचालित आंदोलनों ने हित थे।  पहाड़ी गांधी के नाम से विख्यात कांगड़ा के बाबा कांशी राम जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया और अपने जीवन के कई साल कारावास में बिताए।  संविधान सम्मत मार्ग पर चलते हुए डॉ यशवंत सिंह परमार पंडित श्री शिवानंद तथा अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के एकीकरण और हिमाचल की स्थापना के संघर्ष को आगे बढ़ाया था।

 

 

 

राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पिछली सभी सरकारों ने इस विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों - स्वर्गीय डॉ. वाई.एस. परमार, स्वर्गीय श्री ठाकुर राम लाल, श्री शांता कुमार, श्री प्रेम कुमार धूमल और स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह का उल्लेख अपने संबोधन में किया। व कहा कि प्रदेश की विकास यात्रा को लोगों तक ले जाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई पहल बहुत ही सराहनीय है। हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश “सतत विकास लक्ष्य - भारत सूचकांक 2020-21“ में देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई मानकों पर देश में अग्रणी राज्य है। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की सराहना की। हिमाचल प्रदेश की नदियों का पानी स्वच्छ और मिट्टी पोषक तत्वों से भरपूर होने की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने राज्य के किसानों से अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती अपनाने और अपनी जमीन को रासायनिक खाद से मुक्त रखने का आग्रह किया।

 

 

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राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार-विशेषकर स्वरोजगार आदि में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं। यह राज्य प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। इसलिए हमें इसकी प्राकृतिक सुंदरता और विरासतों को संरक्षित करते हुए विकास के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

पर्यावरण के संरक्षण और संरक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लोगों और सरकार के लिए गर्व की बात है कि वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा बन गई। देश की पहली पेपरलेस विधान सभा। यह प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग, पर्यावरण की रक्षा और आर्थिक संसाधनों को बचाने का एक अच्छा उदाहरण है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने सहित कई सराहनीय प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा द्वारा पारित गैर-जैव-निम्नीकरणीय कचरा नियंत्रण अधिनियम 1995, धूम्रपान निषेध और धूम्रपान न करने वाले स्वास्थ्य संरक्षण अधिनियम 1997 जैसे कानूनों का पूरे देश पर अच्छा प्रभाव है। इस विधान सभा में कई ऐसे कानून बनाए गए हैं, जो भविष्योन्मुखी परिवर्तनों का मार्ग प्रशस्त करते रहे हैं।

 

 

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हिमाचल प्रदेश के लोगों की प्रकृति के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शांतिप्रिय लेकिन बहादुर लोग जरूरत पड़ने पर अन्याय, आतंक और देश के गौरव पर किसी भी हमले का बहादुरी से जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भूतपूर्व सैनिकों की संख्या 120000 से अधिक है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले राम सिंह पठानिया परमवीर चक्र-मेजर सोमनाथ शर्मा, कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार संजय कुमार - और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे कई अन्य नायकों ने पूरे देश और हिमाचल प्रदेश का सिर ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में एक आभारी राष्ट्र की ओर से वह उन बहादुर दिलों की पवित्र स्मृति को नमन करते हैं।

 

 

राष्ट्रपति ने यह भी उल्लेख किया कि आज सुबह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए उन्होंने उन्हें इस समारोह के बारे में बताया और प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के राज्य के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों और सरकार को शुभकामनाएं दी हैं।


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