By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 18, 2019
नयी दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित की तबीयत ठीक नहीं रहने का हवाला देकर तीन कार्यकारी अध्यक्षों को जिला और ब्लॉक स्तर की समितियों के प्रमुखों की बैठक बुलाने तथा फैसले लेने का अधिकार दे दिया है। इसे दोनों नेताओं के बीच गहरी होती लड़ाई के बीच दीक्षित की शक्तियों को कम करने के तौर पर देखा जा रहा है। चाको ने दीक्षित को अपने फैसले से अवगत कराते हुए एक पत्र लिखा, जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कार्यकारी अध्यक्षों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपने का ‘एक्शन नोट’ जारी किया।
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दीक्षित के सहयोगियों ने कहा कि वह नियमित जांच के लिए अस्पताल में थी और सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सेहत को लेकर ‘अफवाहें’ फैलाई जा रही हैं। अपनी चिट्ठी में चाको ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की कि उनके पहले के निर्देशों पर अमल नहीं किया गया तथा पार्टी के कुछ ‘तथाकथित प्रवक्ताओं ने ‘गैर जिम्मेदाराना’ बयान दिए और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रभारी के फैसलों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ महीनों बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए जल्द से जल्द दिल्ली कांग्रेस समिति के कामकाज को सुव्यवस्थित करना है।
चाको ने दीक्षित से कहा कि आपकी तबीयत ठीक नहीं है और अस्पताल में भर्ती हैं तथा मुझे मेरे पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए पार्टी के हित में, मैं कार्यकारी अध्यक्षों को अपने-अपने क्षेत्रों में जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक बुलाने तथा पार्टी को सक्रिय करने के लिए उचित फैसले करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं। वे फैसलों के बारे में आपको रिपोर्ट करेंगे। दीक्षित की ओर से हस्ताक्षरित ‘एक्शन नोट’ में कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ को पूर्वी दिल्ली नगर निगम, चार विधानसभा क्षेत्र (तिमारपुर, बुराड़ी, ओखला तथा जंगपुरा), महिला कांग्रेस, सेवा दल और एनएसयूआई की निगरानी का काम सौंपा गया है।
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देवेंद्र यादव को दक्षिण दिल्ली नगर निगम, युवा कांग्रेस, जबकि राजेश लिलोठिया को उत्तर दिल्ली नगर निगम तथा दिल्ली कांग्रेस के प्रकोष्ठों का जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों ने बताया कि चाको ने तीन कार्यकारी अध्यक्षों को भी पत्र लिखा है जिसमें प्रदेश प्रभारी ने उनसे अपने अपने क्षेत्रों में पार्टी के मामलों पर नजर रखने, बैठक बुलाने और संगठनात्मक कार्यक्रमों की योजना बनाने को कहा है।