By अंकित सिंह | Dec 03, 2022
गुजरात चुनाव के लिए प्रचार का दौर पूरी तरीके से समाप्त हो गया है। गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने थे। पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर को ही समाप्त हो गया था जबकि दूसरे चरण का चुनाव 5 दिसंबर को होगा। यही कारण है कि आज दूसरे चरण के लिए प्रचार समाप्त हो गया है। भाजपा ने इस बार गुजरात में अपनी पूरी ताकत दिखाई है। वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी उसे चुनौती देने की कोशिश की है। गुजरात में देखा जाए तो इस बार भी सत्ता के चाभी पाटीदारों के हाथ में है। 2017 में इनकी नाराजगी की वजह से भाजपा की राह में कठिनाई जरूर आई थी। हालांकि वे जीतने में कामयाब रहे थे। भाजपा को इस बार भी उम्मीद है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता उसके पक्ष में मतदान करेगी। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के खिलाफ गुजरात में सत्ता विरोधी लहर है जिससे कि पार्टी को फायदा होगा।
गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार खत्म
गुजरात में दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो गया है। दूसरे चरण में 93 सीटों पर प्रचार समाप्त हो गया है। 5 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए 93 सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी। इसको लेकर अब मतदान की तैयारियां शुरू हो गई है। दूसरे चरण में गुजरात के 14 जिलों की 93 सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि दूसरे चरण के मतदान में 61 राजनीतिक पार्टियों के 883 उम्मीदवार भाग ले रहे हैं। आपको बता दें कि गुजरात में पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर को ही खत्म हो गया है। 1 दिसंबर को 89 सीटों पर वोटिंग हुई थी। गुजरात चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।
योगी का बड़ा दावा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गुजरात में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जबरदस्त तरीके से भाजपा के पक्ष में प्रचार किया और मोदी सरकार की सराहना की। योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आतंकवाद, नक्सलवाद से मुक्त हुआ है। अपने बयान में योगी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में गुजरात में एक भी दंगा नहीं हुआ। आज गुजरात विकास और समृद्धि की नई कहानी लिख रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 403 में से मात्र 2 सीट मिले हैं। राम नाम सत्य है के लिए 4 लोग चाहिए होते हैं पर कांग्रेस को 4 भी नहीं मिले। आम आदमी पार्टी को तो एक भी सीट नहीं मिली।
पाटीदारों के हाथ में है सत्ता की चाबी
गुजरात में एक बार फिर सभी की निगाहें कम संख्या वाले पर प्रभावशाली पाटीदार (पटेल) समुदाय पर टिकी हुई हैं, जिसने 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत की राह कठिन कर दी थी। पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में किए गए आंदोलन का प्रभाव पिछले विधानसभा चुनाव पर देखने को मिला था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाटीदार समुदाय के ज्यादातर मतदाता इस बार भाजपा को वोट देंगे, जबकि आरक्षण की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन के पूर्व नेताओं का मानना है कि पाटीदार समुदाय के कई युवा मतदाता आम आदमी पार्टी (आप) जैसे अन्य विकल्पों का रुख कर सकते हैं।
भाजपा के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर: गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के खिलाफ स्पष्ट सत्ता विरोधी लहर है, जिसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में आक्रामक प्रचार किया है। गहलोत ने कोटा में संवाददाताओं से कहा कि हाल ही में उन्होंने (मोदी ने) 50 किलोमीटर लंबा रोड शो किया। यह सोचने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ।
मोदी की ताबड़तोड़ रैली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए शुक्रवार को अपने प्रचार के समापन के साथ 31 से अधिक रैलियों को संबोधित किया और तीन बड़े रोड शो का नेतृत्व किया। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) से है। शनिवार प्रचार का आखिरी दिन था।
खड़गे का सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में सरकारी और अर्द्ध सरकारी विभागों और संस्थाओं में पांच लाख पद नहीं भरे जा रहे हैं, क्योंकि इनमें से आधे पद दलित, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों को मिल जाएंगे। भिलोदा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य में दलितों और जनजातियों के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई में 17 फीसदी इजाफा हुआ है।