वर्षों तक विभिन्न पार्टियों के वोट बैंक बने रहे पसमांदा मुस्लिमों को अब जाकर मिल रहा है अपना हक

By गौतम मोरारका | Nov 14, 2022

उत्तर प्रदेश में लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति होती रही जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा मुस्लिम समुदाय ने भुगता। लेकिन जबसे केंद्र में मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई है तबसे 'तुष्टिकरण किसी का नहीं और विकास का लाभ सबको' नीति पर काम किया जा रहा है जिससे विभिन्न दलों के राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गये हैं। भाजपा सरकारें जिस तरह सत्ता में लगातार वापसी कर रही हैं उसमें मुस्लिम वोटरों का भी बड़ा योगदान है क्योंकि अब उन्हें पहले की तरह सिर्फ वोट बैंक नहीं समझा जाता। ऐसी कई विधानसभा या लोकसभा सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में होने के बावजूद उन सीटों पर भाजपा को विजय मिल रही है तो यह अल्पसंख्यक वर्ग के बदले रुख को भी प्रदर्शित करता है।


भाजपा आजकल पसमांदा मुस्लिमों के हित में कई कदम उठा रही है क्योंकि मुस्लिमों का यह वर्ग बेहद ही पिछड़ा हुआ है। पिछड़ों को सशक्त करने की नीति के तहत भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा रामपुर के गांधी स्टेडियम में पसमांदा मुस्लिम समुदाय से जुड़े लाभार्थियों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का रामपुर में आयोजन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि रामपुर सदर सीट से सपा विधायक आजम खान को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना है। भाजपा नेताओं ने इस सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान पसमांदा मुसलमानों को बताया कि कैसे आजादी के बाद विभिन्न सरकारों ने उन्हें वह सम्मान और अधिकार नहीं दिये जिसके वह हकदार थे। इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह और राज्य मंत्री बलदेव ओलक सहित अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी मौजूद थे।

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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पसमांदा मुस्लिम समुदाय से जुड़े लाभार्थियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आजादी के बाद जो सम्मान आपको मिलना चाहिए था, वह आपको नहीं मिल पाया।'' उन्होंने कहा कि आपके सम्मान की किसी ने चिंता की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की। देखा जाये तो बृजेश पाठक ने यहां कोई राजनीतिक बात नहीं कही बल्कि सच्चाई बताई है। मोदी सरकार बनने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए जितने कदम उठाये गये वह एक रिकॉर्ड है।


हम आपको बता दें कि पसमांदा समुदाय में 41 जातियां आती हैं, जिनमें अंसारी, कुरैशी, मंसूरी, सलमानी आदि शामिल हैं और ये बूचड़खाने और बुनाई जैसे पेशे में लगे हैं। इन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लिहाज से अति पिछड़ा समझा जाता है। इसलिए भाजपा इस वर्ग को अपने पाले में लाने का भरपूर प्रयास कर रही है। इस सम्मेलन का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना था क्योंकि उन्होंने अपनी नीतियों से पसमांदा मुस्लिम समुदाय के सुर को स्वर देने का काम किया है। इस सम्मेलन में पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिस बड़ी संख्या में हिस्सा लिया, उससे भाजपा का उत्साह बढ़ा है।

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जहां तक रामपुर सीट के समीकरण की बात है तो आपको बता दें कि सपा के दिग्गज नेता आजम खान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सीतापुर जेल में रहते हुए रिकॉर्ड दसवीं बार रामपुर सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने रामपुर संसदीय सीट छोड़ दी थी, जो उन्होंने 2019 में जीती थी। बाद में रामपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी। अब भाजपा की नजर रामपुर सदर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने पर है। रामपुर सदर सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव कराया जायेगा।


वहीं यदि इस सम्मेलन में दिये गये भाषणों की बात करें तो भाजपा नेताओं ने पसमांदा समुदाय सहित पूरे अल्पसंख्यक वर्ग के लिए मोदी और योगी सरकार की ओर से किये गये कार्यों को गिनाया और कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' के मूलमंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है। सम्मेलन में आये पसमांदा मुस्लिमों ने भी मीडिया से बातचीत में यही कहा कि अब हमें सरकारी योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ मिल रहा है और इसके लिए हम मोदी-योगी सरकार के आभारी हैं। 


-गौतम मोरारका

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