लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बीच सांसद पशुपति पारस में सफाई दी है। पशुपति पारस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारी पार्टी के 6 सांसद हैं। पार्टी के 5 सांसदों ने इसे बचाने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी को नहीं तोड़ा है, इसे बचाया है। चिराग पासवान मेरे भतीजे होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। मुझे उनके खिलाफ कोई आपत्ति नहीं है। कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें। पशुपति पारस ने आगे कहा कि मैं अकेला महसूस कर रहा हूं। पार्टी की बागडोर जिनके हांथ में गई। पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे हैं और समझा जा रहा है कि उसके छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद पर चुनने के लिए हाथ मिला लिया है। सूत्रों ने बताया कि सांसदों के इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना यह निर्णय बता दिया है।