By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 07, 2019
कोलंबो। श्रीलंका में राष्ट्रीय एकता सरकार के गठन के एक प्रस्ताव पर संसदीय चर्चा को गुरुवार को सरकार द्वारा एक प्रस्ताव वापस लेने के बाद टाल दिया गया। कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा था कि वो ऐसे किसी कदम का विरोध करेंगे। युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) महासचिव अकिला विराज कारियवासम ने कहा कि राष्ट्रीय सरकार के गठन पर मंजूरी के लिये संसद में रखे गए प्रस्ताव को वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा, “प्रस्ताव को आज पेश नहीं किया जाएगा।”
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यह प्रस्ताव अगर पारित होता तो इससे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने में सक्षम होते और उससे भी महत्वपूर्ण वह साधारण बहुमत सुरक्षित कर लेते।
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संविधान के 19वें संशोधन के मुताबिक विक्रमसिंघे को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 30 तक ही सिमित रखनी होगी। वह उसी स्थिति में मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं जब वह किसी दूसरे दल के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय सरकार बनाएं।