Parliament Winter Session Update| राज्यसभा और लोकसभा से विपक्ष के 78 सांसद हुए सस्पेंड, संसद ने डाकघर विधेयक को मंजूरी दी

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By रेनू तिवारी | Dec 18, 2023

Parliament Winter Session Update| राज्यसभा और लोकसभा से विपक्ष के 78 सांसद हुए सस्पेंड, संसद ने डाकघर विधेयक को मंजूरी दी

संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामे और गृहमंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने की मांग को लेकर नारेबाजी के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही और कई बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की अवमानना के मामले में 30 सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन अन्य सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किये जाने के बाद बैठक अपराह्न तीन बजे के कुछ मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। 

 

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लोकसभा के 33 सदस्य निलंबित

संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामे और गृहमंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने की मांग को लेकर नारेबाजी के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही बाधित रही और कई बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की अवमानना के मामले में 30 सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन अन्य सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किये जाने के बाद बैठक अपराह्न तीन बजे के कुछ मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में आसन की चेतावनी के बावजूद तख्तियां लहराने और सदन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश एवं गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी, सौगत राय और प्रतिमा मंडल, द्रमुक सदस्य टी आर बालू, दयानिधि मारन और ए राजा, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित 30 सदस्यों को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। 

 

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लोकसभा के तीन और सदस्यों- के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। विपक्ष के शोर-शराबे के बीच ही सदन में भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 पेश किया गया, साथ ही सदन ने डाकघर विधेयक, 2023 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। सदन की बैठक विपक्ष की नारेबाजी के कारण चार बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे पुन: शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 30 विपक्षी सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित किये जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष बिरला ने संसद की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा। 


उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे को लेकर निराशा प्रकट करते हुए कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण कि हम ऐसी घटनाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं। यह राजनीति करने वाली घटनाएं नहीं हैं।’’ बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में कामकाज शुरू करने से पहले सभी दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाकर रखा जाएगा। बिरला ने कहा, ‘‘तख्तियां लाना, नारेबाजी करना, आसन के समीप आना सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। देश की जनता भी इसे पसंद नहीं करती।’’ 


संसद ने जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी की विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण संबंधी दो विधेयक पारित किए

संसद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले दो अहम विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 और संघ राज्य क्षेत्र शासन (सशोधन) विधेयक, 2023 को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दी। सदन ने विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों विधेयकों को मंजूरी दी। उस समय विपक्ष के सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा और नारेबाजी कर रहे थे। लोकसभा ने पिछले दिनों इन विधेयकों को मंजूरी दी थी। चर्चा में अधिकतर सदस्यों ने विधेयकों के प्रावधानों का स्वागत किया और कहा कि इससे महिलाएं अधिकार संपन्न होंगी। 


संसद ने डाकघर विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने सोमवार को डाकघरों से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के उद्देश्य से लाए गए एक अहम विधेयक को सोमवार को मंजूरी दे दी। लोकसभा ने डाकघर विधेयक, 2023 को चर्चा और संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान के जवाब के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दी। राज्यसभा में यह विधेयक गत चार दिसंबर को पारित हुआ था। चर्चा का जवाब देते हुए संचार राज्य मंत्री चौहान ने कहा कि डाक विभाग हमारे गौरवशाली इतिहास की कड़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार डाक विभाग के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाएं दे रही है।’’ चौहान ने कहा, ‘‘युवा पीढ़ी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डाक विभाग ने नवाचार के कई कदम उठाए हैं। महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों के कल्याण के लिए इस विभाग ने कई पहल की हैं।’’ उन्होंने कहा कि विधेयक देशहित और समाजहित में बहुत परिवर्तनकारी साबित होगा। इसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी। इस दौरान विपक्षी सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।


138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को बदलने वाला दूरसंचार विधेयक लोकसभा में पेश

सरकार ने 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदलने से संबंधित भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 को सोमवार को लोकसभा में पेश किया। संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे के बीच यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक के जरिये सरकार नया दूरसंचार कानून बनाने का प्रस्ताव कर रही है, जो टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की जगह लेगा। इस विधेयक को मंत्रिमंडल ने अगस्त में मंजूरी दी थी। इस मसौदा कानून के जरिये दूरसंचार कंपनियों के लिए कई अहम नियम सरल तो होंगे ही, इसके जरिये उपग्रह सेवाओं के लिए भी नये नियम लाये जाएंगे। विधेयक में दूरसंचार नियामक संस्था ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (ट्राई) के अधिकार क्षेत्र में फेरबदल के प्रावधान शामिल किये गये हैं। दूरसंचार विधेयक के मसौदे में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओवर-द-टॉप (ओटीटी) या इंटरनेट आधारित कॉलिंग एवं मैसेजिंग ऐप्स को दूरसंचार की परिके तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद ऋतेश पांडेय नेविधेयक को ‘मनी बिल’ के रूप में पेश किये जाने का सदन में विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को राज्यसभा के सूक्ष्म परीक्षण से बचाने के लिए इसे ‘मनी बिल’ के रूप में पेश कर रही है।


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