By अंकित सिंह | Sep 06, 2023
इंडिया गठबंधन के विपक्षी दलों ने मंगलवार को मांग की कि सरकार 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में पारदर्शिता बनाए रखे और देश को अंधेरे में न रखे। साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को जल्द पारित करने का भी आह्वान किया। सूत्रों ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी आगामी सत्र के दौरान लोकसभा में विधेयक को शीघ्र पारित कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगी क्योंकि यह विधेयक राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है। एक बैठक में विपक्षी दलों ने आगामी सत्र में एक साथ चलने और अडानी मुद्दे को भी उठाने का फैसला किया। उन्होंने भारत पार्टियों की पहली संयुक्त सार्वजनिक रैली मध्य प्रदेश में और अगली बैठक भोपाल में आयोजित करने का भी निर्णय लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर INDIA गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि बैठक में सभी की राय थी कि ये विशेष सत्र क्यों बुलाया जा रहा है? सरकार की तरफ से कोई भी स्पष्टीकरण आज तक नहीं आया है। लगभग 12-13 दिन बाद संसद का एक विशेष सत्र होने वाला है और देश को नहीं पता कि इस विशेष सत्र की विशेषता क्या है? तो हमारी मांग ये है कि बीजेपी पारदर्शिता दिखाए और देश को अवगत कराए कि इस विशेष सत्र का विशेष एजेंडा क्या है? दिल्ली में इंडिया अलायंस के फ्लोर लीडर्स की बैठक के बाद डीएमके सांसद टीआर बालू और तिरुचि शिवा ने कहा कि हमने इस मामले पर चर्चा की है। वे प्रत्येक मामले को एक साथ उठा रहे हैं। पत्र अंततः प्रधान मंत्री को भेजा जाएगा।"
खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और न ही जानकारी दी गई। यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ''क्या आपने कभी ऐसी सरकार देखी है जिसका विपक्ष के साथ संवाद न हो?'' यह विशेष सत्र। उन्होंने यह सत्र क्यों बुलाया है?..." एमडीएमके नेता वाइको ने कहा, "प्रधानमंत्री इस देश को राष्ट्रपति शासन वाली सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यही उनका अंतिम उद्देश्य है। हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ना होगा। इसलिए, हम इस बारे में चर्चा करेंगे।"