Parliament Diary: संशोधित आपराधिक कानून बिल लोकसभा में पेश, खालिस्तान को लेकर उठी बड़ी मांग

By अंकित सिंह | Dec 12, 2023

संसद के शीतकालीन सत्र का आज सातवां दिन है। सातवें दिन भी कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा की गई और निर्णय भी लिए गए हैं। सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग मुद्दे उठाए हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में सिलक्यारा सुरंग हादसे को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन संशोधित आपराधिक कानून विधेयक - भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 पेश किए हैं। बिल पर 14 दिसंबर को चर्चा होगी और 15 दिसंबर को होने वाली बहस का जवाब दिया जाएगा। 'विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2023' और 'विनियोग (संख्या 4) विधेयक, 2023' लोकसभा में पारित कर दिया गया।

 

इसे भी पढ़ें: Parliament Winter Session गृह मंत्री अमित शाह ने आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए संशोधित विधेयक पेश किया


लोकसभा की कार्यवाही

- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘केंद्रशासित क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किए। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 के उद्देश्य और कारणों में कहा गया है कि संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम, 2023 के अधिनियमन के परिणामस्वरूप, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने के लिहाज से संसद द्वारा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करना जरूरी है। 


- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद की स्थायी समिति की ओर से सुझाए गए संशोधनों के मद्देनजर मंगलवार को लोकसभा में आपराधिक कानूनो से संबंधित तीन विधेयकों को वापस ले लिया और इनकी जगह नए विधेयक पेश किए। शाह ने सदन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को वापस लेने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने मंजूरी दी। इसके बाद उन्होंने नए विधेयकों को पेश किया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाया गया है। अमित शाह ने कहा, ‘‘ मैंने तीनों विधेयकों को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया था। गृह मामलों की समिति ने कई सुझाव दिए थे। इतने सारे संशोधन लाने की जगह हमने नया विधेयक लाने का फैसला किया।’’


- लोकसभा ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष में 58,378 करोड़ रुपये के शुद्ध अतिरिक्त व्यय को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें एक बड़ा हिस्सा मनरेगा योजना और उर्वरकों के लिए सब्सिडी पर दिया जाएगा। सरकार ने लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच में 1.29 लाख करोड़ रुपये से अधिक के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी, जिसमें से 70,968 करोड़ रुपये को बचत और प्राप्तियों से समायोजित किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच और वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों पर चर्चा का जवाब दिया।


- लोकसभा में कुछ सदस्यों ने रेलगाड़ियों में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराये में रियायत एवं सुविधाएं बढ़ाने की मांग उठाई। सदन में शून्यकाल के दौरान जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी आने से पहले वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट मिलती थी, लेकिन इसे बंद कर दिया गया।


- कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का बेहतर योगदान सुनिश्चित करने और ड्रोन के जरिये खेती को आसान बनाने की सरकार की योजना के तहत पूरे देश में 15,000 ‘नमो ड्रोन दीदी’ को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान दी। 

 

इसे भी पढ़ें: 'आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक', Rajya Sabha में बोले Amit Shah- देशहित में गलत फैसलों में सुधार जरुरी


राज्यसभा की कार्यवाही

- शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के एक सदस्य ने विदेशी धरती पर खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों में वृद्धि पर मंगलवार को राज्यसभा में चिंता जताई और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों को विदेशी धरती पर तेजी से प्रोत्साहित किया जा रहा है और वे देश के लिए खतरा बन रहे हैं।


 राज्यसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य आयुक्तों की नियुक्ति के लिए लाये गये विधेयक के कई प्रावधानों का तीखा विरोध करते हुए आशंका जतायी कि इससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि इसके पीछे सरकार की मंशा निर्वाचन आयोग को ‘जेबी चुनाव आयोग’ बनाकर इसे अपनी मनमर्जी से चलाने की है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें एवं पदावधि) विधेयक 2023 पर उच्च सदन में चर्चा शुरू करते लेते हुए कांग्रेस सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ‘‘निष्पक्षता, निर्भीकता, स्वयात्तता और शुचिता’’ चुनाव के आधारस्तंभ होते हैं। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि संसद को ही कानून बनाने का सर्वोच्च अधिकार है और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के सुझावों के आधार पर यह विधेयक लेकर आई है। 

प्रमुख खबरें

यूपी में बीजेपी रिटर्न: काम कर गया योगी का बटोगे तो कटोगे का नारा

Delhi Air Quality दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से गंभीर हुई, AQI 420 के स्तर पर पहुंचा

एक है तो ‘सेफ’ है! महाराष्ट्र चुनाव परिणामों पर आया फडणवीस का पहला रिएक्शन

एआर रहमान और मोहिन डे के लिंक-अप अफवाहों पर बेटे का आया रिएक्शन, कहा- गलत जानकारी न फैलाए