By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2019
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई के मुद्दे पर राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के दूसरे दिन भी हंगामे के कारण मंगलवार को उच्च सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई। तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और राजद के मनोज झा ने सीबीआई के दुरुपयोग के मुद्दे पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मामले को शून्य काल में उठाने का परामर्श देते हुये नोटिस को अस्वीकार कर दिया।
इस पर तृणमूल सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभापति ने सदन की बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया। इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने भारत रत्न के लिए चुने गये प्रणब मुखर्जी और दिवंगत नानाजी देशमुख और पद्म सम्मान के लिये चुने गये हुकुमदेव नारायण यादव, कुलदीप नैयर, सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा को बधाई दी। ये सभी उच्च सदन के सदस्य रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद शून्यकाल की चर्चा शुरू कराने को कहा।
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लोकसभा में भी गतिरोध कायम
पश्चिम बंगाल में सीबीआई और पुलिस के बीच टकराव के मुद्दे पर लोकसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उधर कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। तृणमूल सदस्यों ने इस दौरान ‘चौकीदार चोर है’ और ‘सीबीआई तोता है’ के नारे लगाए। शोर शराबे के बीच स्पीकर ने शून्यकाल चलाया और विभिन्न सदस्यों ने लोक महत्व के विषय उठाये। उधर कांग्रेस के कुछ सदस्य भी आसन के निकट आकर राफेल मामले में जेपीसी जांच की मांग दोहराने लगे। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा दिये जाने की अपनी पुरानी मांग लेकर आसन के पास आकर खड़े हो गये।