By Kusum | Aug 08, 2024
पेरिस ओलंपिक 2024 का 12वां दिन पूरे भारत के लिए बेहद ही खराब रहा। बुधवार की सुबह भारतीय खेल प्रेमियों को पेरिस से बुरी खबर मिली। भारत को 12वें दिन पहलवान विनेश फोगाट से गोल्ड की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। विनेश को महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाए जाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया जिससे पूरे देश को निराशा हाथ लगी। वहीं अपना पहला ओलंपिक खेलने वाली पहलवान अंतिम पंघाल भी बाहर हो गईं। एथलेटिक्स में भी देश को निराश होना पड़ा जबकि टेबल टेनिस में भारतीय महिला टीम के जर्मनी से 1-3 से हारने से भारत का अभियान खत्म हो गया। इसके अलावा दिन मीराबाई चानू और अविनाश साबले ने भी निराश किया। देखें 12वें दिन क्या-क्या हुआ...
कुश्ती में विनेश आयोग्य घोषित
विनेश फोगाट ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। सुबह तक उनका कम से कम सिल्वर मेडल पक्का लग रहा था लेकिन महज 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण वह ओलंपिक्स से बाहर हो गईं। 29 वर्षीय विनेश को खेलगांव के पोली क्लीनिक ले जाया गया जहां उनके शरीर में पानी की कमी बताई गई थी। वहीं विनेश के इस तरह डिसक्वालिफाई होने से देश की राजनीति तक में भूचाल आ गया। लोकसभा में भी इस पर काफी हंगामा हुआ।
हालांकि, इस बीच विनेश का हौसल खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने बढ़ाया। पीएम मोदी ने ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषाा से विनेश से जुड़ी पूरी जानकारी ली साथ ही कई अन्य विकल्पों के बारे में भी पूछा। इससे पहले पीएम मोदी ने X पर लिखा कि, विनेश आप चैंपियनों की चैंपियन हो। आप भारत का गौरव हो और हर भारतीय के लिए प्रेरणास्त्रोत हो। आज के झटके से दुख पहुंचा है, काश मैं शब्दों में बता पाता कि इस समय कितना मायूस हूं, लेकिन मुझे पता है कि आप फिर वापसी करेंगी। चुनौतियों का डटकर सामना करना आपके स्वभाव में है। मजबूती से वापसी करो हम सभी आपके साथ हैं।
एक किलो वजन के चलते मेडल से चूकीं मीराबाई
पेरस ओलंपिक 2024 में भारत की मीराबाई चानू एक किलोग्राम वजन से मेडल चूक गई हैं। मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग के 49 किग्रा वर्ग में चौथे स्थान पर रहीं। जिसके बाद उनकी हार के साथ ही वेटलिफ्टिंग में भारत की चुनौती भी खत्म हो गई। मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में अकेली वेटलिफ्टर थीं। वहीं टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था।
अविनाश साबले 11वें स्थान पर रहे
अविनाश साबले पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में 11वें स्थान पर रहे। विश्व के टॉप धावकों के बीच पदक की दौड़ में वह पिछड़ गए। हालांकि, उन्होंने क्वालिफिक्शन राउंड के मुकाबले में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस इवेंट् में मोरक्को के सौफियाने एल बक्काली ने अपने नाम गोल्ड मेडल किया।
टेबल टेनिस टीम स्पर्धा में महिला टीम हारी
अर्चना कामथ के महिला टेबल टेनिस टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में कुछ देर तक चुनौती पेश करने के बावजूद भारतीय टीम को तकनीकी रूप से बेहतर जर्मनी से 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय महिला टीम की हार से देश का पेरिस ओलंपिक में टेबल टेनिस स्पर्धा में अभियान भी खत्म हो गया।
भाला फेंक में अन्नु रानी, बाधा दौड़ में याराजी को मिली निराशा
भारत की विमेंस जेवलिन थ्रो में अन्नु रानी ने निराश किया है। विश्व स्तर पर प्रभावित नहीं कर सकी और बेहद खराब प्रदर्शन के बाद क्वालीफिकेशन दौर से ही बाह हो गईं। 31 वर्षीय एथलीट ने 55.81 मीटर के साथ शुरुआत की और अगले दो प्रयासों में 53.22 मीटर और 53.55 मीटर भाला फेंका।
दूसरी तरफ सौ मीटर की बाधा दौड़ खिलाड़ी ज्योति याराजी अपनी पहली हीट में खराब प्रदर्शन के बाद सातवें स्थान पर रही और स्वत: सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गई। पहली बार ओलंपिक खेल रही याराजी खेलों में सौ मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाली पहली भारतीय भी हैं। हालांकि, उनके पास एक और मौका है, रेपचेज से वह मेडल ला सकती हैं।
ऊंची कूद में सर्वेश कुशारे रहे फेल
ऊंची कूद में सर्वेश कुशारे भी फाइनल में नहीं पहुंच सके। वह ग्रुप बी में 13वें और कुल 25वें स्थान पर रहे। वह 2.15 मीटर की कूद ही लगा सके जबकि उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 2.25 मीटर है।
इसके अलावा एथलीट प्रवीण चित्रावेल और एन अब्दुल्ला भी पेरिस ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स की पुरुष त्रिकूद इवेंट के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक चित्रावेल ग्रुप ए में 16.25 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ 16 खिलाड़ियों में 12वें और दोनों ग्रुप में मिलाकर 32 खिलाड़ियों में कुल 27वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गए। वहीं चित्रावेल ने दूसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। चित्रावेल 17.37 मीटर के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और 17.12 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे।