By रेनू तिवारी | Oct 06, 2021
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित एकल सदस्यीय समिति चांदीवाल आयोग ने मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह को समन जारी कर कथित धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में आयोग के समक्ष पेश होने को कहा है. कथित तौर पर सिंह को आयोग के सामने पेश होने और अपना बयान दर्ज करने का यह आखिरी मौका है। परम बीर सिंह फरार है और जून से जांच एजेंसियों के सामने पेश नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने स्वीकार किया है कि सिंह ने देश छोड़ दिया होगा। राज्य सरकार पहले ही मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी कर चुकी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है।
फर्जी पासपोर्ट के सहारे भारत छोड़कर भागा परम बीर सिंह
एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह आशंका जताई जा रही हैं कि सिंह एलओसी जारी होने से पहले ही फर्जी पासपोर्ट के सहारे देश छोड़कर चला गया होगा। समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार को जांच एजेंसियों का हवाला देते हुए बताया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह या तो राज्य पुलिस द्वारा उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किए जाने से पहले या जाली पासपोर्ट का उपयोग करके भारत से भाग गए होंगे। विशेष रूप से, राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख के छुट्टी पर जाने के दो महीने बाद जुलाई में सिंह के खिलाफ एलओसी जारी किया गया था।
एलओसी जारी होने से पहले देश से भागा परमबीर सिंह
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई को बताया कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ एलओसी जारी किया गया है तो उसके भारत के किसी भी हवाईअड्डे पर इमिग्रेशन को पार करने की संभावना शून्य है। प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए, अधिकारी ने बताया कि जब कोई व्यक्ति जिसके खिलाफ एलओसी जारी किया गया है, वह अपना पासपोर्ट सिस्टम में इमिग्रेशन को पार करने के लिए डालता है, तो इसे लाल झंडी दिखा दी जाती है और उन्हें संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया जाता है। अधिकारी ने एएनआई के हवाले से कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने सिंह के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही उनके खिलाफ एलओसी जारी की थी।"
अधिकारी ने कहा कि जाली पासपोर्ट ही एकमात्र तरीका है जिससे सिंह देश छोड़कर भाग सकता है, अगर उसने ऐसा किया होता, तो उसने किसी और की आईडी और उसकी फोटो का उपयोग करके इसे प्राप्त किया। अधिकारी ने कहा, "कई बार जाली पासपोर्ट वाले लोगों को हिरासत में लिया जाता है, लेकिन कुछ लोग भागने में कामयाब भी हो जाते हैं क्योंकि सत्यापन कम मैनुअल हस्तक्षेप के साथ कंप्यूटर आधारित होता है।"
महाराष्ट्र सरकार ने भी कंफर्म की परमबीर सिंह की देश छोड़कर भागने की आशंका
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने शुक्रवार को पूछा कि केंद्रीय एजेंसियों को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों पर भरोसा क्यों करना चाहिए, जोकि ‘‘देश छोड़कर भाग गए हैं।’’ राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा था कि सिंह के देश छोड़कर भागने की आशंका संबंधी सूचनाओं के बाद उनके खिलाफ ‘लुक-आउट’ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि सिंह के देश से भागने के संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं थी।
पाटिल ने येवला-लासलगांव में राकांपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय सहित केंद्रीय एजेंसियां देश छोड़कर भाग गए परमबीर सिंह पर भरोसा क्यों करें।’’ सिंह ने इस साल की शुरुआत में आरोप लगाया था कि राकांपा नेता और राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी मुंबई में बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलें।
बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा आरोपों की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के आदेश के बाद देशमुख ने इस्तीफा दे दिया था। दूसरी ओर, राज्य पुलिस ने देशमुख के खिलाफ सनसनीखेज आरोपों के बाद आईपीएस अधिकारी के खिलाफ जबरन वसूली के कई मामले दर्ज किए।इस बीच, पाटिल ने यह भी दावा किया कि ‘‘भाजपा तंत्र’’ ने पहले भुजबल को जेल में डालने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, और अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देशमुख को निशाना बना रही है।उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में महा विकास अघाडी सरकार को बदनाम करने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुंबई की एक अदालत ने हाल में राकांपा के वरिष्ठ नेता भुजबल को कथित महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया था।