By अभिनय आकाश | Apr 18, 2023
उत्तर प्रदेश 44 सालों तक जिस अतीक अहमद की दहशत में जीता रहा। उस दहशत को योगी सरकार ने केवल 51 दिनों में खत्म कर दिया। अतीक के खिलाफ 100 नामजद एफआईआर थीं और वह 54 मुकदमों का सामना कर रहा था। खूंखार गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के एक दिन बाद विदेशी मीडिया ने अपना प्रोपगेंडा शुरू कर दिया है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) और रॉयटर्स ने अतीक को क्रमशः 'रॉबिन-हुड' और 'लॉ मेकर' कहकर संबोधित किया है। अहमद और उसके भाई को लवलेश तिवारी, अरुण कुमार मौर्य और मोहित सिंह उर्फ शनि सहित तीन लोगों के एक समूह ने गोली मार दी थी। उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने वकील उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अतीक अहमद के लिए आंसू बहा रहे लोगों को अब पाकिस्तान और भारत को कोसने वाली विदेशी मीडिया का साथ मिल गया है। पाकिस्तान ने तो ठान लिया है कि भले ही अतीक अहमद दफ्न हो चुका हो लेकिन वो उसे मरने नहीं देगा। विदेशी मीडिया ने अतीक अहमद की मौत पर बड़ा ही खतरनाक खेल शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने अपनी हेडलाइन में लिखा है कि लाइव टीवी पर पूर्व सांसद की हत्या हो गई। इस अखबार की मक्कारी देखई कि उसने अतीक अहमद के सारे अपराधों को दरकिनार कर दिया। एक अन्य पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अतीक अहमद के कत्ल को एक मुस्लिम का कत्ल करार देने की कोशिश की है। इस अखबार ने कई ऐसी चीजें लिखी है जिसे आप मुसलमानों को हिंनदुओं के खिलाफ भड़काने की साजिश बोल सकते हैं।
इसके अलावा विदेशी मीडिया भी अतीक अहमद हत्याकांड में मक्कारी दिखाने में पीछे नहीं हटी। ब्रिटेन से चलने वाली रॉयटर्स न्यूज एजेंसी तो भारत विरोधी एजेंडा चलाने में वैसे भी सबसे आगे रहती है। रॉयटर्स ने अपनी स्टोरी में कानून की धज्जियां उड़ाने वाले अतीक अहमद को फॉर्मर लॉ मेकर कहकरर संबोधित किया है। मुस्लिम देश कतर का मीडिया ग्रुप अलजजीरा भी अतीक अहमद को विक्टिम बता रहा है। एक ट्वीट प्रोपेगैंडा न्यूज़ कंपनी बीबीसी की एक पत्रकार गीता पांडे द्वारा किया गया था। बीबीसी पर प्रकाशित अपनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए गीता ने लिखा, "अतीक अहमद रॉबिन हुड था, डॉ जेकेल और हाइड टाइप कैरेक्टर। जिसने गरीब लोगों की मदद की, शादियों और स्कूल की वर्दी के लिए पैसे दिए। ईद के दौरान पैसे दिए।