समुंदर में दहाड़ेगा हिंद का शेर, कांपेगा चीन, पाकिस्तान होगा ढेर, मोदी के दोस्त मैक्रों क्या तबाही भारते भेज रहे हैं?

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By अभिनय आकाश | Apr 28, 2025

समुंदर में दहाड़ेगा हिंद का शेर, कांपेगा चीन, पाकिस्तान होगा ढेर, मोदी के दोस्त मैक्रों क्या तबाही भारते भेज रहे हैं?

भारतीय नौसेना के लिए जिस राफेल डील को लेकर भारत लंबा इंतजार कर रहा था। अब वो डील फाइनल हो गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच इधर तनाव बढ़ा और उधर भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक डील लॉक हो गई। भारत में अब राफेल मरीन आ रहे हैं। वो राफेल मरीन जो भारतीय नौसेना की ताकत को जबरदस्त इजाफा देंगे। भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन फाइटर जेट की डील पूरी हो गई है। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 63,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक सौदे पर हस्ताक्षर किए गए। इस हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस समझौते पर मुहर लगाई गई।

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पहले की योजनाओं में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को व्यक्तिगत रूप से समारोह में भाग लेने की बात शामिल थी, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उनका दौरा रद्द कर दिया गया। इस सौदे को इस महीने की शुरुआत में ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति से हरी झंडी मिल चुकी थी। देश के विमानवाहकों को तैनाती के लिए तत्काल नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है, क्योंकि मिग-29 के लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े ने कथित तौर पर रखरखाव संबंधी मुद्दों के कारण खराब प्रदर्शन किया है। 

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राफेल एम जेट के बारे में जानें

राफेल लड़ाकू विमान को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जो वर्तमान में सेवा में है। राफेल एम जेट को भारतीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाएगा और विमान वाहक में एकीकृत किया जाएगा। स्वदेशी वाहक-जनित लड़ाकू जेट के विकास के पूरा होने तक इन वाहक-जनित लड़ाकू विमानों को एक स्टॉपगैप समाधान के रूप में खरीदा जा रहा है। सरकार-से-सरकार के अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल हैं, साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है।

यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29K बेड़े का समर्थन करेंगे। भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत हासिल किए गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित करती है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में स्थित हैं। नए सौदे से भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।