अमेरिका में समर्थन जुटाने के प्रयास तेज करते दिख रहा है पाकिस्तान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 01, 2021

वाशिंगटन।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को पूरी तरह वापस बुलाने की प्रक्रिया तेज करने के बीच पाकिस्तान अपने लिए समर्थन जुटाने और अमेरिका के साथ अपने संबंधों को पुन: परिभाषित करने के लिए यहां जन संपर्क की कोशिशों को तेज करता प्रतीत हो रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनाव प्रचार अभियान के पूर्व कांग्रेसनल संपर्क अधिकारी अब अमेरिका में पाकिस्तानी हितों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अदनान जलील ने ‘काउंसिल ऑन पाकिस्तान रिलेशन्स’ के लिए लॉबिस्ट के तौर पर अपनी कंपनी ‘अल्फा स्ट्रैटेजीज’ पंजीकृत करायी है।

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‘काउंसिल ऑन पाकिस्तान रिलेशन्स’ एक गैर लाभकारी परिषद है जिसकी शुरुआत मिशिगन के पाकिस्तानी-अमेरिकी स्वास्थ्य देखभाल उद्यमियों मोहम्मद अशरफ काजी, अदिल जमाल अख्तर और इकबाल अब्दुल नासिर ने की थी। जलील ‘पाकिस्तान-अफगानिस्तान आर्थिक विकास कानून’ पारित कराने के पक्ष में समर्थन जुटा रहे हैं। यह द्विदलीय विधेयक सीनेटर क्रिस वान होलेन, टॉड यंग और मारिया कैंटवेल ने पेश किया है। इस विधेयक में अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुन:निर्माण अवसर क्षेत्र की स्थापना का प्रावधान है जिससे इन इलाकों के कपड़ों को अमेरिका में कर रहित आने की अनुमति मिल जाएगी। वान होलेन ने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से लौटने के मद्देनजर हमारा सभी पक्षकारों से शांतिपूर्ण समझौता करना तथा राजनीतिक सुलह करने के लिए बढ़ावा देने का मजबूत हित है जिससे इस युद्धग्रस्त क्षेत्र में स्थिरता कायम की जा सके।’’

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इस महीने की शुरुआत में वाशिंगटन स्थित जन संपर्क कंपनी फेंटन/आरलुक विदेश एजेंट पंजीकरण कानून (एफएआरए) के तहत परिषद के लिए पंजीकृत हुई और उसका उद्देश्य ‘‘अमेरिकी तथा अंतरराष्ट्रीय मीडिया को पाकिस्तान तथा अमेरिका के बीच रचनात्मक कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिए परिषद की आकांक्षा के बारे में सूचित करना है।’’ एफएआरए के तहत पंजीकरण के अनुसार, इसकी गतिविधियां पाकिस्तान तथा अमेरिका के बीच सकारात्मक कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों की महत्ता पर अमेरिकी तथा वैश्विक मीडिया के साथ संवाद करने तक सीमित होंगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल में कहा है कि उनका देश अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने के बाद वाशिंगटन के साथ ‘‘सभ्य’’ और ‘‘निष्पक्ष’’ संबंध चाहता है जैसे ‘‘अभी’’ और ब्रिटेन या भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते हैं।

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