By अभिनय आकाश | Feb 24, 2024
शिया देश ईरान के आगे आखिरकार पाकिस्तान की सरकार को झुकना पड़ा है। पाकिस्तान की सरकार ने आखिरकार तमाम ना नुकूर के बाद ईरान के गैस के आयात के लिए पाइपलाइन के निर्माण पर काम करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान एक पाइपलाइन बनाने के लिए आगे बढ़ रहा है जो ईरान से प्राकृतिक गैस का परिवहन करेगी, यह कदम देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है, लेकिन इससे दक्षिण एशियाई देश के पश्चिमी सहयोगियों की भौंहें चढ़ना तय है। ऊर्जा पर कैबिनेट समिति ने सरकारी धन का उपयोग करके ईरानी सीमा से पाकिस्तान के बंदरगाह शहर ग्वादर तक 800 किलोमीटर पाइपलाइन के 80 किलोमीटर (40 मील) खंड का निर्माण शुरू करने को मंजूरी दे दी।
पाकिस्तान कई वर्षों से पाइपलाइन पर काम करने में अनिच्छुक था क्योंकि ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के साथ-साथ डॉलर लेनदेन पर प्रतिबंध के कारण निवेशक इस परियोजना का समर्थन करने से बचते रहे थे। दोनों देशों ने 2013 में 25 साल के गैस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ईरान को अंतरराष्ट्रीय अदालतों में लड़ाई की धमकी देने का कारण मिल गया।
पाकिस्तान के परंपरागत रूप से अमेरिका और ईरान के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि उसे अपने उद्योग को खिलाने के लिए पर्याप्त गैस आपूर्ति की आवश्यकता है क्योंकि उसके घरेलू संसाधन तेजी से कम हो रहे हैं। कुल आपूर्ति में आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़कर 29% हो गई है।