By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 24, 2019
इस्लामबाद। पाकिस्तान में अगले हफ्ते होने वाले विपक्षी दलों द्वारा आहूत विरोध मार्च के मद्देनजर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्पष्ट किया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने इस धरने को ‘‘विदेश समर्थित’’ एजेंडा बताकर खारिज कर दिया और कहा कि इससे भारत को खुशी मिली है। उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख फज़ल-उर-रहमान की अगुवाई में 31 अक्टूबर को राजधानी इस्लामाबाद में आज़ादी मार्च निकलेगा। इस मार्च को जेल में बंद पूर्व प्रधामंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी समेत सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है।
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रहमान ने आरोप लगाया है कि जुलाई 2018 में हुए चुनाव में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की मदद करने के लिए धांधली की गई थी। उन्होंने खान का इस्तीफा मांगा है। ‘जिओ न्यूज़’ ने खबर दी है कि प्रधानमंत्री ने पत्रकारों और विशेषज्ञों के साथ बैठक में कहा कि उन्हें रहमान के प्रदर्शन के पीछे साजिश दिखती है और यह किसी विशेष एजेंडे के तहत किया जा रहा है। खबर में खान के हवाले से कहा गया है, ‘‘ मेरे इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। धरना एजेंडे के तहत किया जा रहा है और इसे विदेशी समर्थन प्राप्त है।’’
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खान का मानना है कि जेयूआई-एफ के प्रदर्शन की योजना से भारत खुश है। उन्होंने कहा कि मैं मौलाना (फज़ल-उर-रहमान) की परेशानी समझ नहीं पा रहा हूं। मैं विपक्ष का एजेंडा समझ नहीं पा रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई और बेरोज़गारी बड़े मुद्दे हैं और सरकार उन्हें हल करने के लिए काम कर रही है। खान ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि विपक्ष की मांग पर मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि पहले तो भारत ‘मौलानाओं’ के खिलाफ था लेकिन अब वे रहमान के प्रदर्शन से खुश हो रहे हैं। खान ने कहा कि प्रदर्शन कश्मीर के मुद्दे को नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि इससे घाटी में नाकेबंदी से ध्यान हटेगा। उन्होंने कहा कि हमें सोचना चाहिए इससे किसे फायदा होगा।