India-Pakistan Relations | भारत की ओर पाकिस्तान ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ, कश्मीर मुद्दे का समाधान चाहते हैं शहबाज शरीफ

By रेनू तिवारी | Aug 20, 2022

इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान कभी एक ही मुल्क हुआ करते थे लेकिन आजादी की कीमत इन दोनों मुल्कों के बटवारे पर जाकर खत्म हुई। दोनों मुल्कों का बटवारा तो हो गया लेकिन नासूर बन गया कश्मीर। कश्मीर को लेकर अब तक दोनों देशों के बीच तीन बड़े युद्ध हो चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की सियासत चल रही हैं और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान में आतंकवाद जड़ जमाए हुए हैं। इस मुद्दे को शांतिपूर्ण सुलझाने में पाकिस्तान ने कभी दिलचस्पी नहीं दिखाई हैं क्योंकि पाकिस्तान में असल मुद्दा वहां की भूख से मरती आवाम का नहीं बल्कि आतंकियों की गुड लिस्ट में बने रहकर कश्मीर के जरिए भारत के खिलाफ साजिशें रचते रहने का है। 

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पुरानी रंजिशे भुलाते हुए जब भारत में 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनीं तो उन्होंने पाकिस्तान से सबकुछ भूल कर दोस्ती करने के लिए कहा और कश्मीर पर शांतिपूर्वक बात करने की बात कही लेकिन पाकिस्तान ने बदले में हमें उरी हमला दिया, पुलवामा अटैक दिया। तब से भारत का भी रूख पाकिस्तान की ओर सख्त हैं। अब इमरान खान की सरकार को गिराकर पाकिस्तान में नयी सरकार बनीं हैं। नयी सरकार की ओर से बयान जारी करके भारत को संदेश भेजा गया है कि पाकिस्तान शांतिपूर्वक कश्मीर मुद्दे का समाधान चाहता हैं। 

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ‘‘समानता, न्याय और आपसी सम्मान’’ के सिद्धांतों और कश्मीर मुद्दे के समाधान के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा व्यक्त की है। मीडिया की एक खबर में शुक्रवार को यह कहा गया। पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार से आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘सहायक भूमिका’’ निभाने का भी आग्रह किया।

‘डॉन’ अखबार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हवाले से बताया कि शरीफ ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान में ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त उच्चायुक्त नील हॉकिन्स के साथ बैठक के दौरान ये विचार व्यक्त किए। शरीफ ने कहा, ‘‘पाकिस्तान समानता, न्याय और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है। इस संदर्भ में, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू कश्मीर विवाद का एक उचित और शांतिपूर्ण समाधान अपरिहार्य है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संबंध में एक सहायक भूमिका निभानी होगी, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।’’ भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। भारत ने यह भी कहा है कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।

अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ गए। भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू कश्मीर ‘‘हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा बना रहेगा।’’ भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार रोकने की भी नसीहत दी है।

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