By अंकित सिंह | Sep 07, 2021
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। पंजशीर में भी अब तालिबान का कब्जा हो गया है। इसके बाद वहां के नागरिकों में पाकिस्तान को लेकर नाराजगी बढ़ गई है। इसी को लेकर आज काबुल में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने फायरिंग की। इसके साथ ही अब पाकिस्तान और तालिबान की जोड़ी का पर्दाफाश हो गया है। लगातार पाकिस्तान और तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में शहर-शहर बगावत का बिगुल बज रहा है। दूसरी ओर तालिबान सरकार बनाने की कोशिश में है।
लगे ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे
अफगानिस्तान में महिलाओं समेत प्रदर्शनकारी ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए काबुल की सड़कों पर उतरे और दावा किया कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से पंजशीर प्रांत में हवाई हमले किये गये हैं। एक खबर में यह बात सामने आई। तालिबान ने कहा था कि उन्होंने पंजशीर पर कब्जा कर लिया है। इससे पहले उन्होंने पिछले महीने अफगानिस्तान सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और पंजशीर ही उनके नियंत्रण से बाहर था। अफगानिस्तान की खम्मा समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, तालिबान सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं लेकिन प्रदर्शन जारी हैं। खबर के अनुसार, बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाते हुए काबुल की सड़कों पर उतरे। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने पंजशीर प्रांत में हवाई हमले किये। प्रदर्शनकारी काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा हो गये और उन्होंने वहां के कर्मचारियों से अफगानिस्तान से जाने को कहा। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि वे अफगानिस्तान में कठपुतली सरकार नहीं चाहते।
काबुल में गोलीबारी कर रैली को तितर-बितर किया, कई पत्रकार गिरफ्तार
रैली को तितर-बितर करने के लिए तालिबान लड़ाकों ने गोलीबारी की और प्रदर्शन को कवर कर रहे कई अफगान पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया। यह जानकारी चश्मदीदों और अफगान मीडिया ने दी है। काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के सामने पाकिस्तान के आंतरिक मामले में पाकिस्तान के कथित हस्तक्षेप के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, खासतौर पर इस्लामाबाद द्वारा पंजशीर में तालिबान विरोधी लड़ाकों के खिलाफ तालिबान की कथित मदद के विरोध में। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए गए हैं जिनमें पत्रकारों को रिहा करने की मांग की गई है। जिन पत्रकारों को हिरासत में लिया गया था और बाद में रिहा किया गया उनमें से एक अफगान पत्रकार ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उसे तालिबान ने सजा दी। सुरक्षा कारणों से पहचान गोपनीय रखते हुए पत्रकार ने बताया, ‘‘उन्होंने (तालिबान ने) मुझे जमीन पर नाक रगड़ने और प्रदर्शन को कवर करने के लिए माफी मांगने पर मजबूर किया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘अफगानिस्तान में पत्रकारिता करना कठिन होता जा रहा है।’’ अफगानिस्तान के टोलो न्यूज चैनल ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में उनका कैमरामैन वाहिद अहमदी भी शामिल हैं।