By अभिनय आकाश | Apr 25, 2025
1962 में देवानंद की आई फिल्म असली नकली का मशहूर गाना है लाख छुपाओ छुप न सकेगा, राज हो कितना गहरा। दिल की बात बता देता है, असली नक़ली चेहरा। कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के साथ भी हो गया है। सच्चाई उसके जुबान पर आ गई। आतंक की फैक्ट्री बनकर आतंकवादियों को निर्यात करने की। खुद सबसे बड़ा कबूलनामा और किसी ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कैमरे के सामने कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक बयान इस वक्त सुर्खियों में है। जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से कह गया कि पाकिस्तान एक आतंकवादी संगठन का समर्थन कर रहा है, तो उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान पश्चिम के लिए गंदा काम कर रहा है।
स्काई न्यूज के साथ अपने इंटरव्यू के दौरान आसिफ ने यह चौंकाने वाला बयान दिया है। इंटरव्यू में आसिफ ने विनाशकारी पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए नई दिल्ली की आलोचना की। 22 अप्रैल को, आतंकवादियों ने कश्मीर के पर्यटन स्थल में घुसपैठ की, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। आसिफ ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के लंबे इतिहास के बारे में सवालों को टालने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने खुद को मुश्किल में डाल लिया जब उन्होंने कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहा यह देश पश्चिम के लिए गंदा काम कर रहा है। जब उनसे पूछा गया कि देश किस तरह से आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है, तो आसिफ ने कहा कि हम पिछले तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा। पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को भी बंद कर दिया, दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा भी निलंबित कर दिए हैं तथा भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को वापस जाने को कहा। ये घोषणाएं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं। शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचारके लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की।