पाकिस्तान का दावा: भारतीय एजेंट और दो पाकिस्तानियों की हत्या के बीच संबंधों के हैं ‘ठोस सबूत’

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 26, 2024

पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसके पास पिछले साल सियालकोट और रावलकोट में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकवादियों की हत्या और कथित ‘‘भारतीय एजेंट’’ के बीच संबंधों के ‘‘ठोस सबूत’’ हैं। भारत ने इस आरोप को पाकिस्तान द्वारा झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार बताकर खारिज कर दिया। विदेश सचिव मुहम्मद साइरस सज्जाद काजी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान के ‘अंदर और न्यायेतर हत्याओं’ में शामिल रहा है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के प्रमुख सहयोगी और पठानकोट में भारतीय वायु सेना अड्डे पर 2016 के हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को 11 अक्टूबर, 2023 को पंजाब प्रांत के सियालकोट की एक मस्जिद में गोली मार दी गई थी।

आठ सितंबर, 2023 को प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट इलाके में हुई। कासिम एक जनवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर में ढांगरी आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था। पाकिस्तान के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, यह भारत विरोधी झूठा और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का पाकिस्तान का नवीनतम प्रयास है। जायसवाल ने कहा, ‘‘पाकिस्तान जो बोएगा, वही काटेगा। अपनी करतूतों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराना न तो न्यायोचित हो सकता है, ना ही समाधान।’’

जायसवाल ने कहा, ‘‘जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध सीमापारीय गतिविधियों का केंद्र बिंदु रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत और कई अन्य देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह आतंकवाद एवं हिंसा की अपनी ही संस्कृति से बर्बाद हो जाएगा।’’ काजी ने कहा, ‘‘भारतीय एजेंट ने पाकिस्तान में हत्याएं करने के लिए विदेशी धरती पर प्रौद्योगिकी और सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल किया। उन्होंने इन हत्याओं के लिए अपराधियों, आतंकवादियों और संदिग्ध नागरिकों की भर्ती की, वित्त पोषण किया और उनका सहयोग किया।’’ विदेश सचिव ने भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट की ओर इशारा किया जिन्होंने तुरंत इन हत्याओं को ‘‘भारत के दुश्मनों के खिलाफ सफल प्रतिशोध’’ के रूप में पेश किया और महिमामंडित किया था। काजी ने यह भी आरोप लगाया कि संभावित हत्यारों की भर्ती सोशल मीडिया और नकली दाएश अकाउंट का इस्तेमाल करके की गई थी।

शाहिद लतीफ की हत्या का जिक्र करते हुए काजी ने कहा, ‘‘विस्तृत जांच से पता चला कि तीसरे देश में स्थित एक भारतीय एजेंट योगेश कुमार ने हत्या की साजिश रची।’’ काजी ने दावा किया कि कि कुमार ने लतीफ का पता लगाने और उसकी हत्या करने के लिए पाकिस्तान में स्थानीय अपराधियों से संपर्क को लेकर तीसरे देश में एक मजदूर मुहम्मद उमैर को भर्ती किया, हालांकि, ‘‘वे इसे अंजाम नहीं दे पाए।’’ विदेश सचिव ने कहा, ‘‘कुछ असफल प्रयासों के बाद, मुहम्मद को हत्या को अंजाम देने के लिए व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान भेजा गया था।’’ उन्होंने कहा कि मुहम्मद ने पांच लक्षित हत्यारों की एक टीम बनाई और इसे अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि हत्याओं में शामिल सभी लोगों को पकड़ लिया गया और अदालत में मामला चलाया गया। काजी ने दावा किया, ‘‘हमारे पास पूरी श्रृंखला को भारतीय एजेंट योगेश कुमार से जोड़ने की प्रक्रिया में किए गए लेनदेन के सबूत हैं।

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