पाक ने हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व को हमेशा से कमतर आंका: वायुसेना प्रमुख

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 20, 2019

मुंबई। पाकिस्तान ने भारत के राष्ट्रीय नेतृत्व को हमेशा से कमतर आंका है और बालाकोट हवाई हमले के दौरान भी उन्होंने यही किया था। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। वायुसेना प्रमुख ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में ये बातें कह रहे थे। धनोआ इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।  उन्होंने कहा, “आपको याद होगा कि पाकिस्तान ने हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व को हमेशा से कमतर आंका है। हमेशा। 1965 के युद्ध में उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री को कम आंका था। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वह मोर्चा खोलेंगे और लाहौर तक पहुंच जाएंगे।” 

 

वायुसेना प्रमुख ने कहा, “और फिर वे चौंक गए। उन्हें लगा था कि वे सिर्फ कश्मीर में लड़ेंगे...वे अचंभित हुए। कारगिल युद्ध में वे एक बार फिर हैरान रह गये। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि हम अपनी सारी ताकत झोंक देंगे और बोफोर्स तोपों का मुंह उनकी तरफ कर दिया जाएगा और हम वायुसेना को इसमें शामिल कर उन्हें खदेड़ देंगे।” उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर उनका अनुमान हमेशा गलत साबित हुआ। यहां तक कि अब भी, पुलवामा (आतंकवादी हमले) के बाद, मेरे हिसाब से उन्होंने फिर गलत अनुमान लगाया कि हमारा राजनीतिक नेतृत्व ऐसे हमले (बालाकोट हमले) की इजाजत नहीं देगा। ऐसा नहीं है कि हमारी वायु सेना सक्षम नहीं है। वे (पाकिस्तान) हमारी क्षमताएं जानते हैं। लेकिन वे हमेशा इस गलतफहमी में रहते हैं कि हमारा नेतृत्व कार्रवाई नहीं करेगा।” 

इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में लोगों की HC से संपर्क करने में असमर्थता संबंधी दावा गलत: SC

एयर चीफ मार्शल धनोआ वायुसेना के 25वें प्रमुख हैं और उन्होंने दिसंबर 2016 में यह पद संभाला था। एयर चीफ मार्शल धनोआ की जगह एयर मार्शल आर के एस भदौरिया लेंगे जिन्हें हाल ही में वायुसेना का अगला प्रमुख नामित किया गया है।

 

प्रमुख खबरें

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मांग, अनुच्छेद 370 पर अपना स्टैंड किल्यर करे NC और कांग्रेस

जिन्ना की मुस्लिम लीग जैसा सपा का व्यवहार... अलीगढ़ में अखिलेश यादव पर बरसे CM योगी

Vivek Ramaswamy ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में कटौती का संकेत दिया

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा