By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 11, 2019
लाहौर। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि अफगानिस्तान में 17 सालों से चल रहे बर्बर युद्ध के समापन के वास्ते अमेरिका-तालिबान वार्ता में पर्दे के पीछे से उनके देश द्वारा भूमिका निभाये जाने के कारण अमेरिका-पाकिस्तान संबंध एक नया मोड़ लेने वाला है। कुरैशी ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा कि पाकिस्तान के सहयोग से दोहा में अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता से सकारात्मक नतीजे आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चूंकि वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को आतंकवाद का मुकाबला करने और उसके वित्त पोषण पर अंकुश के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट (सन्दिग्धों की सूची)’ में डाल दिया था, ऐसे में पाकिस्तान से अमेरिका का संबंध बहुत अच्छा नहीं था।
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पिछले साल जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ऐसे देशों के ग्रे लिस्ट में डाल दिया था जिनके घरेलू कानूनों को धनशोधन और आतंकवाद वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए कमजोर समझा गया है। डॉन अखबार के मुताबिक कुरैशी ने कहा, ‘‘लेकिन, हमारी सफल विदेश नीति के चलते दोनों (पाकिस्तान और अमेरिका) देशों के बीच संबंध सुधर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के साथ हमारा संबंध नया मोड़ लेने वाला है। अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता दोहा में चल रही है और उसका सकारात्मक नतीजा आने की उम्मीद है।’’
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उन्होंने इसका श्रेय अमेरिका-तालिबान वार्ता के संबंध में पर्दे के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को दिया। अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत जाल्मय खलीलजाद ने अफगान युद्ध के समापान तक पहुंचने के लिए तालिबान के साथ कई दौर की बातचीत की है। भारत के साथ हाल के तनाव के बारे में पूछे जाने कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति चाहता है लेकिन वह कश्मीर के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच आये तनाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘रूस ने स्पष्ट तौर पर घोषणा की है कि वह इस क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।’’