By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 20, 2022
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवाद-रोधी केंद्र में दो दिनों से कुछ लोगों को बंधक बनाए जाने के मामले में वार्ता विफल होने के बाद सुरक्षा बलों ने धावा बोल दिया और ‘सभी आतंकियों’ को मार गिराया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पुष्टि की है कि बन्नू में आतंकवाद-रोधी विभाग केंद्र में लोगों को बंधक बनाने वाले प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ‘‘सभी आतंकवादी’’ पाकिस्तानी सेना के एक अभियान में मारे गए।
सरकार ने बंधक संकट के समाधान के लिए आतंकवादियों के साथ बातचीत करने की कोशिश की लेकिन इसमें नाकामी के बाद पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी) के कमांडो ने परिसर पर धावा बोल दिया। आसिफ ने नेशनल असेंबली में कहा, ‘‘यह अभियान 20 दिसंबर को अपराह्न साढ़े 12 बजे विशेष सेवा समूह द्वारा शुरू किया गया और सभी आतंकवादी मारे गए।’’ उन्होंने कहा कि सीटीडी परिसर में गिरफ्तार किए गए 33 आतंकवादी थे और उनमें से एक ने वहां कर्मचारी के सिर पर ईंट मारकर उसकी बंदूक छीन ली थी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभियान के दौरान दो कमांडो मारे गए, जबकि एक दर्जन से अधिक घायल हो गए। आसिफ ने यह भी कहा कि सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है, लेकिन उन्होंने संख्या नहीं बताई। इससे पहले पुलिस सूत्रों ने बताया था कि करीब 24 अधिकारियों को बंधक बनाया गया। मंगलवार को टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में सीटीडी परिसर से धुएं का गुबार उठता दिखा। यह गतिरोध तब शुरू हुआ, जब आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने रविवार को कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया तथा उनसे पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही थी।
तभी, इनमें से एक आतंकवादी ने रविवार को पुलिसकर्मी से एके-47 राइफल छीन ली और गोलियां चलानी शुरू कर दी। उक्त आतंकवादी ने इमारत में रखे गये अन्य आतंकवादियों को मुक्त कराया और उन्होंने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने कई पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। टीटीपी ने अपने आतंकियों के लिए दक्षिण या उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली जिलों में सुरक्षित मार्ग की मांग की। बन्नू में मंगलवार को स्थिति तनावपूर्ण थी, क्योंकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने चारों तरफ से छावनी क्षेत्र की घेराबंदी कर दी, जहां यह केंद्र स्थित है।
इलाके के निवासियों को घरों के अंदर ही रहने के लिए कहा गया। क्षेत्र में मोबाइल फोन सेवाएं भी बंद कर दी गईं। आसिफ ने खैबर पख्तूनख्वा में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘‘कई समूहों के साथ जुड़ाव वाले 33 (आतंकवादियों) को हिरासत में लिया गया था। प्रांतीय सरकार सीटीडी परिसर पर कब्जा के संबंध में अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह से विफल रही। आसिफ ने अभियान के लिए सेना को श्रेय देते हुए कहा कि प्रांतीय सरकार की इसमें ‘‘कोई भूमिका नहीं’’ थी।
सोमवार को, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के एक प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने कहा कि सीटीडी पुलिस थाने में कैदियों के साथ सुरक्षा अधिकारियों के अमानवीय व्यवहार के कारण यह कदम उठाया गया। वर्ष 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के अग्रणी समूह के रूप में स्थापित टीटीपी ने पिछले महीने जून में संघीय सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया और अपने आतंकियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया।
अल-कायदा का करीबी माने जाने वाले इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है। एक अलग घटना में, देर रात खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कम से कम 50 आतंकवादी एक पुलिस थाने में घुस गए और एक पुलिस कांस्टेबल को घायल कर दिया।
घटना दक्षिण वजीरिस्तान के कबायली जिले के वाना में देर रात एक बजे हुई। जिले के मुख्य पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘50 से अधिक आतंकवादी पुलिस स्टेशन में घुस गए और गोलियां चलाईं, जिसमें एक कांस्टेबल घायल हो गया। वे गोला-बारूद, हथियार और अन्य उपकरण ले गए।’’ जवाबी गोलीबारी में एक आतंकी मारा गया। पुलिस ने कहा कि बाकी आतंकी भागने में सफल रहे और उन्हें पकड़ने के लिए तलाश अभियान जारी है।