By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 19, 2020
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण आय नुकसान से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए अगले सप्ताह एक पैकेज को मंजूरी दे सकता है। एक सूत्र ने कहा कि इस पैकेज के तहत बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनको) को डिस्कॉम के बकाया के भुगतान के लिए एक वैकल्पिक निवेश कोष बनाया जा सकता है। कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद से बिजली की मांग में काफी कमी आई है। इससे बिजली वितरण कंपनियों को आय का बड़ा नुकसान हो रहा है।
सूत्र ने कहा कि आगामी सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल बिजली की मांग की कमी और नकदी संकट की वजह से दबाव की स्थिति में पहुंच चुकी डिस्कॉम के लिए पैकेज को मंजूरी दे सकता है। उसने कहा कि इस पैकेज के तहत वैकल्पिक निवेश कोष बनाया जा सकता है। इस कोष के जरिये डिस्कॉम पर बिजली उत्पादन कंपनियों के बकाया का भुगतान किया जा सकता है। बिजली वितरण कंपनियों से इसके लिए मामूली ब्याज और प्रशासनिक खर्च लिया जाएगा। सूत्र ने कहा कि पैकेज के तहत राज्य और केंद्रीय बिजली नियामकों को बिजली का शुल्क घटाने का भी निर्देश दिया जा सकता है।
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बकाये के भुगतान से वितरण कंपनियां बिजली का लोड (आपूर्ति) बढ़ा सकेंगी और चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकेंगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी तक डिस्कॉम पर बिजली उत्पादन कंपनियों का 92,602 करोड़ रुपये का बकाया था। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से डिस्कॉम को करीब 30,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा उन्हें करीब 50,000 करोड़ रुपये के नकदी संकट से जूझना पड़ सकता है।