बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित एआईएमआईएम के अध्यक्ष व लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने एक ओर जहां पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है वहीं उत्तर प्रदेश में भी अगले साल होने वाले चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। ओवैसी के ऐलान के बाद से भाजपा विरोधी पार्टियां लगातार चिंतित है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में महागठबंधन को ओवैसी के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा। आज ओवैसी मिशन 2022 के लिए अखिलेश यादव के गढ़ में पहुंच रहे हैं। ओवैसी आज अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र और सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ पहुंच रहे हैं। उनके साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी मौजूद रहेंगे।
वैसे उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और पश्चिमी क्षेत्र में चुनावी मैदान में उतरेंगे। ओवैसी उन सीटों को ज्यादा महत्व देंगे जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। अपने आजमगढ़ से दौरे के दौरान ओवैसी कोई जनसभा नहीं करेंगे लेकिन कहीं ना कहीं वह चुनावी समीकरण को साधते हुए अपनी रणनीति तय करेंगे। ओवैसी वाराणसी से जौनपुर, दीदारगंज, माहुल, आजमगढ़ होकर फूलपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। विशेषज्ञों की मानें तो ओवैसी ने जिन रास्तों का चुनाव किया है वह कहीं ना कहीं यादव और मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है। इन रास्तों में जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ता उनकी स्वागत करने की तैयारी में है। यह भी कहा जा रहा है कि वह जोहर की नमाज जौनपुर के एक मस्जिद में करेंगे। अपने इस यात्रा के जरिए ओवैसी मुस्लिम समाज को साधने से नहीं चूके हैं।
इससे पहले ओवैसी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि बिहार की सफलता के बाद पार्टी को हौंसला मिला है और हम उस कामयाबी के सिलसिले को जारी रखेंगे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि अभी तक उनका सामना ’मीर जाफर और मीर सादिक जैसे मुसलमानों से हुआ है, उनका सामना सच्चे मुसलमान से नहीं हुआ है। बिहार में हाल में ही विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को पांच सीटे मिली थी। ओवैसी से मुलाकात के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा हमने एक साल पहले भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया था और हम 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। कल तक लोग कहते थे कि ओपी राजभर अकेला है और वह क्या कर लेगा?अब जब ओवैसी जी आये है तो लोगों को दर्द क्यों हो रहा है।