Muslim वाले बयान को लेकर Rahul Gandhi पर बरसे Asaduddin Owaisi और Shahnawaz Hussain

By नीरज कुमार दुबे | Jun 01, 2023

राहुल गांधी जब बोलना शुरू करते हैं तो उनकी पार्टी के लोगों को भी डर लगता है कि कहीं वह कुछ ऐसा ना बोल जाएं जिस पर विवाद खड़ा हो जाये। अक्सर कांग्रेस के नेताओं की यह आशंका सच भी साबित हो जाती है। इन दिनों अमेरिका दौरे पर गये राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में लोगों से संवाद के दौरान कह दिया कि भारत में मुसलमान, ईसाई, दलित और आदिवासी यह महसूस कर रहे हैं कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। राहुल गांधी से जबकि सवाल यह पूछा गया था कि क्या भारत में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है तो जवाब में उन्होंने कह दिया कि जो मुसलमान महसूस कर रहे हैं वैसा ही ईसाई, दलित और आदिवासी भी महसूस कर रहे हैं। यही नहीं, राहुल गांधी यह भी कह गये कि 1980 के दशक में दलितों और सिखों के साथ भी ऐसा ही हुआ था। यहां राहुल गांधी यह भूल गये कि 1980 के दशक में केंद्र और अधिकतर राज्यों में कांग्रेस की ही सरकारें थीं। इसलिए राहुल गांधी मोदी सरकार पर निशाना साधते-साधते अपने पिता और दादी की सरकारों पर भी निशाना साध गये। इसी बात को मुद्दा बनाते हुए जहां भाजपा राहुल गांधी को घेर रही तो वहीं राहुल मुस्लिम नेताओं के निशाने पर भी आ गये हैं।


आईओसीयूएसए का बयान


इस बीच, इस प्रकार की भी खबर है कि राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को अल्पसंख्यक समूह द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। हालांकि ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए’ (आईओसीयूएसए) ने राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा को लेकर लगाए जा रहे आरोपों की निंदा करते हुए कहा है कि उनकी यात्रा को दागदार करने के लिए ‘‘भ्रामक अभियान’’ चलाया जा रहा है। इस संगठन ने अपने बयान में कहा है कि ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस, यूएसए’ एक स्वायत्त इकाई है जो अमेरिका में किसी भी धार्मिक समूह के अधीन नहीं है।


ओवैसी भड़के


वहीं जहां तक भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाये जाने के राहुल गांधी के आरोप की बात है तो सबसे पहले तो इस मुद्दे पर उन्हें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ही घेर लिया है। ओवैसी ने दावा किया कि राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता ने देश में मुस्लिमों को बर्बाद कर दिया और इसका इस्तेमाल संसद और विधानसभाओं में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व खत्म करने के लिए किया गया। ओवैसी ने कहा, ‘‘आप को बताना चाहिए था कि मुस्लिमों के साथ क्या हो रहा है। उन्हें (राजस्थान के मुख्यमंत्री) अशोक गहलोत को सिखाना चाहिए। राहुल गांधी को यह भी बताना चाहिए था कि राजस्थान में जुनैद और नासिर को कैसे मारा गया (कथित तौर पर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा फरवरी में)। छत्तीसगढ़ में आप की सरकार ने (दिसंबर, 2021 में) ‘धर्म संसद’ को प्रायोजित किया जहां महात्मा गांधी के बारे में गलत बातें कही गईं।''

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भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया


वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने दलितों और मुसलमानों की दुर्दशा के बारे में टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा है कि भारत, अल्पसंख्यक समाज के लिए सबसे सुरक्षित देश है। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से से भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति काफी बेहतर है। देश के खिलाफ राहुल गांधी के भ्रामक बयान से भारत विरोधी मुल्कों को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में बल मिलता है। उन्होंने कहा कि देश का झंडा लेकर राहुल गांधी विदेश में भारत के खिलाफ भ्रामक बयानबाजी बंद करें। शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया कि 1980 के दशक में कांग्रेस के राज में दलितों के साथ साथ अल्पसंख्यक समाज भी बहुत डरा औऱ सहमा हुआ था। सिख विरोधी दंगा 80 के दशक में ही हुआ। मेरठ, मलियाना एवं भागलपुर के भीषण दंगे भी 80 के दशक में हुए थे। हुसैन ने दावा किया कि मोदी सरकार के पिछले नौ साल में देश में शांति है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि देश में अल्पसंख्यक समाज के लिए आज जितने अवसर हैं, उतने कांग्रेस राज में कभी नहीं रहे।


हुसैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुस्लिमों और देश के अन्य अल्पसंख्यकों का हमेशा सिर्फ वोटबैंक के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने दावा किया कि देश के मुस्लिमों और अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा में लाने की जितनी कोशिश मोदी सरकार में हुई, वैसी पहले नहीं हुई। हुसैन ने कहा कि देश में आज जो अवसर दूसरे समुदाय के लोगों के लिए हैं, वही अवसर मुस्लिम और अल्पसंख्यक समाज के लोगों के लिए भी हैं। उन्होंने दावा किया कि देश का अल्पसंख्यक समाज आज तेजी से मुख्यधारा से जुड़कर आगे बढ़ रहा है।


दूसरी ओर जहां तक राहुल गांधी की ओर से दलितों पर अत्याचार होने की बात कही गयी है उस मुद्दे पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें घेरते हुए कहा है कि राहुल गांधी बाहर जाकर कहते हैं कि 80 के दशक में केंद्र और उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति पर बड़े अत्याचार हो रहे थे। राहुल गांधी शायद भूल गए कि 1984 में स्वर्गीय राजीव गांधी ही देश के प्रधानमंत्री थे और उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार थी तो क्या राजीव गांधी के समय में दलितों पर अत्याचार हो रहे थे?


वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर उन पर तंज कसते हुए कहा है कि सत्ता के वियोग में राहुल गांधी यह भूल गये हैं कि जिस काल को लेकर वह आरोप लगा रहे हैं उस समय उनकी ही पार्टी सत्ता में थी।

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