By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 24, 2018
लगभग 1,800 से अधिक इकाइयों ने पिछले महीने तक पूंजी बाजार नियामक सेबी की तरफ से लगाये गये जुर्माने का भुगतान नहीं किया है। इन पर जुर्माने की बकाया राशि 15,000 रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़े के अनुसार 31 मार्च 2017 की स्थिति के अनुसार नियामक द्वारा लगाये गये जुर्माने का भुगतान नहीं करने वालों की संख्या 1,847 थी।
चूककर्ताओं में व्यक्तियों के साथ-साथ कंपनियां भी हैं। इनमें से कुछ मामले करीब दो दशक पुराने हैं। इन व्यक्तियों और कंपनियों पर बिना पंजीकरण के पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा उपलब्ध कराने, निवेशकों की शिकायतों के समाधान में विफल होने तथा निवेशकों से गलत तरीके से धन संग्रह जैसे मामलों में जुर्माना लगाया गया है। कुछ मामलों में बकाया 15,000 रुपये तक है जबकि कुछ मामले में यह लाखों तथा करोड़ों रुपये में हैं। इन चूककर्ताओं में अनिरूद्ध सेठी, पीएसीएल तथा उसके दो निदेशकों, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, एचबीएन डेयरीज एंड एलायड, प्लेथिको फार्मास्युटिकल्स, आईएचआई डेवलपर्स इंडिया, आईएफसीआई, रोज वैली रीयल एस्टेट तथा कंस्ट्रक्शंस तथा बीटल लाइवस्टाक्स एंड फार्म शामिल हैं। सेबी बकाये की वसूली के लिये बैंक के साथ-साथ डिमैट खातों की कुर्की के अपने अधिकार का उपयोग कर रहा है।