‘हमारा समुदाय दोष मुक्त नहीं है’ : भारतीय-अमेरिकी समूह ने फ्लॉयड की मौत पर कहा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 06, 2020

वाशिंगटन। अमेरिका में एक भारतीय-अमेरिकी हिमायत समूह ने कहा है कि अफ्रीकी मूल के अमेरिकी व्यक्तियों की हत्या की हालिया घटनाओं ने देश में काले लोगों के खिलाफ खौफनाक वास्ताविकता को बेनकाब कर दिया है। समूह ने कहा कि भारतीय और दक्षिण एशियाई मूल के कई लोग बहुत हद तक खामोश रहें और लंबे समय तक उनका मूक समर्थन रहा, लेकिन इसे अवश्य बदलना होगा। ‘इंडियन-अमेरिकन इम्पैक्ट फंड’ ने एक गोरे पुलिस अधिकारी द्वारा मिनियापोलिस में 25 मई को एक निहत्थे अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या और 13 मार्च को लुइसविले मेट्रो पुलिस विभाग अधिकारियों द्वारा अफ्रीकी मूल की 26 वर्षीय अमेरिकी महिला ब्रेवोन्ना टेलर की हत्या का जिक्र किया। समूह ने कहा, ‘‘हमें स्पष्ट करने दीजिए कि हमारा समुदाय दोष मुक्त नहीं है।’’ इसने एक बयान में शुक्रवार को कहा, ‘‘काफी समय तक, कई सारे भारतीय-अमेरिकी और दक्षिण एशियाई-अमेरिकी बहुत हद तक खामोश रहे और इसमें उनका मूक समर्थन रहा। यह समूह भारतीय-अमेरिकियों को राजनीति में शामिल होने में मदद करता है।

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समूह ने कहा कि फ्लॉयड और टेलर तथा अन्य ने अमेरिका में काले लोगों के खिलाफ खौफनाक वास्तविकताओं को बेनकाब किया है। समूह ने कहा, ‘‘हममें से कई लोग यहां अमेरिका में आव्रजन खोलने के लिये काले और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के अथक कार्य के कारण हैं। ’’ इसने कहा, ‘‘फिर भी नस्ल और नस्लवाद के बारे में अपने दोस्तों और परिवार से बात करने से मना करते रहे हैं।’’ इसे अवश्य ही बदलना होगा। समूह ने कहा कि बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा चलाये जाने वाले मिनियापोलिस भारतीय रेस्तरां गांधी महल के बारे में जरा सोचिए, जिसने फ्लॉयड की हत्या के बाद चिकित्साकर्मियों और प्रदर्शकारियों को शरण देने की पेशकश की। इसने कहा, ‘‘न्यूयार्क टाइम्स की खबर के मुताबिक रूहेल इस्लाम, रेस्तरां के मालिक, ने प्रदर्शनकारियों के लिये दाल, बासमती चावल और नान बनाये। और जब प्रदर्शन के दौरान उनका रेस्तरां जलने लगा, तब रूहेल ने कहा कि ‘मेरी इमारत को जलने दो। न्याय दिलाने की जरूरत है।’’ समूह ने कहा, ‘‘और जरा वाशिंगटन डीसी के कारोबारी राहुल दूबे के बारे में सोचिए, जिन्होंने आंसू गैस और पुलिस की कार्रवाई से बचाने के लिये 70 शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को रात में शरण देने के लिये अपने घर के दरवाजे खोल दिये।’’ ‘काले लोगों का जीवन मायने रखता है’, पर जोर देते हुए समूह ने कहा कि समुदाय को भेदभाव खत्म करने के इस संघर्ष में काले लोगों के समुदाय का अवश्य समर्थन करना चाहिए।

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