राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आज बेंगलुरू की बेलंदूर झील के आसपास सभी उद्योगों को तत्काल पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया। इस साल फरवरी में यहां कूड़े के एक टीले में आग लगा दी गयी थी। कार्रवाई न करने के लिये स्थानीय नगर निकायों की आलोचना करते हुये एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने झील के आसपास के इलाके में किसी भी तरह का कूड़ा या मलबा डालने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। पीठ ने इसके साथ ही घोषणा की कि झील के अंदर या उसके आसपास कूड़ा डालने वाले से पांच लाख रूपया पर्यावरण मुआवजे के तौर पर लिया जाये।
पीठ ने कहा, ‘‘बेलंदूर झील के करीब स्थित सभी उद्योगों और इसमें गंदा पानी बहाने वाली इकाइयों को बंद करने का यहां निर्देश दिया जाता है..’’ पीठ ने कहा, ‘‘किसी भी उद्योग के तब तक संचालन की इजाजत नहीं होगी जबतक संयुक्त जांच दल द्वारा जांच न कर ली जाये और गंदे पानी का प्रवाह अनुमन्य सीमा के अंदर न पाया जाये।’’ पीठ में न्यायमूर्ति कुमार के अलावा न्यायमूर्ति आरएस राठौर भी शामिल थे।