रेलवे ने उत्तर प्रदेश के महोबा के निकट जबलपुर-निजामुद्दीन महाकौशल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना की जांच के आज आदेश दिए। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी जांच करेंगे और रिपोर्ट 10 दिन में आने की उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह कोई तोड़फोड़ का मामला था अथवा रेलगाड़ी में किसी प्रकार की गड़बड़ी के कारण दुर्घटना हुई, उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट पेश होने तक किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
उन्होंने घटना को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार देते हुए कहा कि दुर्घटनाएं नहीं होनी चाहिए क्योंकि रेलवे ने यात्री ट्रैक पर किसी भी तरह की दुर्घटना को जरा भी बर्दाश्त नहीं करने का दृष्टिकोण अपनाया है। दिल्ली जा रही ट्रेन के आठ कोचों के पटरी से उतर जाने से 400 मीटर का ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। जमशेद ने बताया कि कि सभी कोच पारंपरिक थे और उनका निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया गया था। इस दुर्घटना में कुछ कोच पटरी से उतर गए लेकिन एक दूसरे पर नहीं चढ़े जैसा कि इस तरह की दुर्घटनाओं में होता है, और इसी वजह से कम नुकसान हुआ है।
दुर्घटना के बाद महाकौशल एक्सप्रेस इंजन और 10 कोचों को साथ घटनास्थल से 6.48 बजे सुबह रवाना हुई। उन्होंने बताया कि इस हादसे से एक घंटा पहले एक अन्य ट्रेन वहां से गुजर चुकी थी। क्षतिग्रस्त हुए कोचों के 200 यात्रियों को झांसी लाने के लिए 15 बसों को भेजा गया है ताकि वे आगे की यात्रा शुरू कर सकें। इसके अलावा ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों के परिजनों की सहायता के लिए अलग अलग स्टेशनों में 17 हेल्पलाइन नंबर चालू किए गए हैं। रेलवे ने घटनास्थल में मौजूद लोगों के लिए कैटरिंग की व्यवस्था की है। दुर्घटना से 14 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है जिनमें से सात को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है, जबकि इतनी ही संख्या में ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है। उन्होंने कहा कि इस लाइन के मध्यरात्रि तक बहाल होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में देर रात महाकौशल एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर जाने से 52 लोग घायल हो गये।