By अनुराग गुप्ता | Sep 17, 2020
रायपुर। कोरोना संकट के बीच में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बड़ा फैसला किया है। बता दें कि भूपेश बघेल के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने 14,580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आदेश जारी किया है। वित्त विभाग ने इसकी अनुमति दे दी है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार का आदेश था कि कोरोना संकट में किसी भी नियुक्ति के लिए वित्त विभाग की सहमति जरूरी है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से मिली अनुमति के बाद 14,580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आदेश जारी किया। इसके लिए प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन्स भी जारी कर दी हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने के लिए अधिकारियों से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने नियुक्ति से लेकर डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन तक के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी है। इसके लिए बकायदा आठ अलग-अलग प्वाइंट तैयार किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति पहले तीन साल की परिवीक्षा अवधि की होगी।
14,580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा के नतीजे 2019 में जारी हो गए थे लेकिन कोरोना वायरस महमारी की वजह से नियुक्तियां नहीं हो पाईं थीं। जिसके बाद छात्रों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सड़कों पर उतर आए। छात्रों को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं सरकार कोरोना का हवाला देते हुए उनकी नियुक्तियां ठंडे बस्ते में न डाल दे।
इन शर्तों पर होंगी नियुक्तियां
व्यापमं की मेरिट लिस्ट में शामिल छात्रों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा कार्यालय में बुलाकर डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन किया जाएगा। डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के बाद उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके बाद छात्रों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नियुक्ति आदेश अलग-अलग जारी होंगे और वरिष्ठता का निर्धारण व्यापमं की मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। वहीं, इस मामले में भाजपा का भी बयान सामने आया है। पार्टी ने कहा कि यह विपक्ष और छात्रों के संघर्ष का परिणाम है।