By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 05, 2021
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय मॉनसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने एक एमपीएससी अभ्यर्थी द्वारा खुदकुशी किए जाने तथा सत्र की कम अवधि के लिये प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। भाजपा नेता ने मांग की कि सदन के सदस्यों को विभिन्न मुद्दों को उजागर करने के लिये सभी विधायी उपायों के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए और जमा किये गए सभी सवालों के जवाब दिए जाएं। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई फडणवीस ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि मॉनसून सत्र की अल्प अवधि के मद्देनजर सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब न दिया जाए और विधायी उपाय स्थगित कर दिए जाएं।
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व में जब कभी सवालों पर सदन में चर्चा नहीं हो पाती थी, उन्हें “गैरतारांकित” के तौर पर दर्ज किया जाता था। इस पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने कहा कि सदस्यों द्वारा दिए गए सवालों को “गैरतारांकित” माना जाएगा। बाद में फडणवीस ने स्थगन नोटिस का प्रस्ताव देते हुए पुणे स्थित एमपीएससी अभ्यर्थी स्वप्निल लोनकर द्वारा खुदकुशी किए जाने के बाद महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) के कामकाज पर चर्चा की मांग की। पुलिस ने पूर्व में कहा था कि महाराष्ट्र में सरकारी नौकरी के लिये प्रयास कर रहे 24 वर्षीय लोनकर ने पुणे स्थित अपने घर पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सिविल इंजीनियर लोनकर ने एमपीएससी की 2019 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर ली थी और अंतिम साक्षात्कार होने का इंतजार कर रहा था।
उसने 2020 की प्रारंभिक परीक्षा भी पास कर ली थी। उसने सुसाइड नोट में एमपीएससी परीक्षा को एक “मायाजाल” करार दिया और इसमें न फंसने की अपील की। सदन में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि 430 एमपीएससी प्रतिभागियों ने आत्मदाह की धमकी दी है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने हालांकि कहा कि एमपीएससी मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई है और सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि खाली पदों को 31 जुलाई 2021 तक भरा जाएगा।