By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 31, 2019
मुंबई। उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल विस्तार समारोह में भाजपा के शामिल न होने के बाद शिवसेना ने मंगलवार को अपनी पूर्व सहयोगी की आलोचना की और कहा कि भाजपा को सिर्फ विरोध करने के मंसूबे से महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार को लगातार निशाना नहीं बनाना चाहिए। शिवसेना ने कहा कि अब राज्य में पूर्ण सरकार है, अब विपक्ष को दरियादिली दिखानी चाहिए और ठाकरे-नीत सरकार को आराम से काम करने देना चाहिए। पार्टी ने अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी में कहा कि पहले दिन से ही ठाकरे सरकार पर अनावश्यक रूप से निशाना साधने के चक्कर में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विपक्षी भाजपा ने लोगों की नजरों में ‘‘खुद का मजाक’’ बनाया है।
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शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ एक संपादकीय में कहा, ‘‘अब एक महीने बाद राज्य में 43 मंत्रियों की पूर्ण सरकार है और फडणवीस को माहौल खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। फडणवीस और उनकी पार्टी को सिर्फ विरोध करने की मंशा से विरोध करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’ मराठी दैनिक अखबार ने कहा कि मंत्रिपरिषद में राज्य के विकास में तेजी लाने की क्षमता है। इसमें कहा गया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि फडणवीस ने मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया। नागपुर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी, विपक्ष ने हंगामा खड़ा किया और वॉकआउट किया।ठाकरे के नेतृत्व वाले दल ने कहा, ‘‘अब, राज्य में पूर्ण सरकार है। विपक्ष को सरकार को काम करने देने की उदारता दिखानी चाहिए।’’
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करीब एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार करते हुए अपने बेटे आदित्य समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया। मंत्रिमंडल विस्तार में राकांपा नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 36 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें से राकांपा के 10 कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री,शिवसेना के आठ कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री और कांग्रेस के आठ कैबिनेट एवं दो राज्य मंत्री शामिल हैं। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद में राकांपा के कुल 12 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं। शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं जबकि कांग्रेस के 10 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हैं।