By अंकित सिंह | Aug 11, 2023
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल प्रचार में विश्वास करते हैं और पार्टी का आम लोगों के लिए कल्याण कार्य करने का कोई इरादा नहीं है। मुख्यमंत्री ने मणिपुर जातीय हिंसा पर बयान नहीं देने के लिए नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की। मोदी पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि नई दिल्ली में संसद चल रही थी और पीएम नरेंद्र मोदी संसद में मौजूद नहीं थे। ऐसी बात पहले कभी नहीं हुई होगी। अटल जी के कार्यकाल में जब मैं केंद्र सरकार में था तो सभी लोग सदन के अंदर रहते थे।
अपने बयान में नीतीश ने कहा कि काम नहीं हो रहा है। उन जगहों पर कोई बयान नहीं जहां घटनाएं हुईं। मोदी पर हमला करते हुए कहा कि सदन (संसद) चल रहा है और आप बाहर घूम रहे हैं। क्या पहले ऐसा होता था? इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अब चीजों का केवल एक ही पक्ष दिखाया जाता है। दूसरे जो कहते हैं वह सामने नहीं आता। उन्होंने कहा कि अपनी बात रखना विपक्ष का अधिकार है और वे ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “अब, यह पूरी तरह से अलग है। विपक्षी दलों का काम मुद्दों को सदन में लाना है लेकिन केंद्र को यह पसंद नहीं आ रहा है।'' विपक्षी एकता पर उन्होंने कहा कि पार्टियां एकजुट हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "हम पहले पटना में इकट्ठा हुए, फिर बेंगलुरु में और अब हम मुंबई में इकट्ठा होंगे।"
अविस्वास प्रस्ताव पर संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ ही दिन पहले बंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब 1.5-2 दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रित व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मैंने संवेदना व्यक्त नहीं की क्योंकि आप लोग जश्न मना रहे थे। जश्न क्यों मना रहे थे क्योंकि आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे। दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को EV दिखाने के लिए कितना बड़ा मजबा लगाया था। आप (विपक्ष) जिसके पीछे चल रहे हैं उनको इस देश की ज़ुबान, इस देश के संस्कार की समझ नहीं है। पीड़ी दर पीड़ी यह लोग लाल और हरी मिर्च में अंतर नहीं समझ पाए।