By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 22, 2023
विपक्षी दलों के शीर्ष नेता 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी मोर्चे के गठन की रूपरेखा तैयार करने के लिए शुक्रवार को यहां बैठक करेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 23 जून को बुलाई गयी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए पटना पहुंची तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में वे एक परिवार की तरह लड़ेंगे। कुमार पिछले साल अगस्त में भाजपा से नाता तोडने के बाद अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में लगे हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दल फिलहाल नेतृत्व के सवाल से बचना चाहेंगे और साझा आधार बनाने पर जोर देंगे। इस बैठक में छह मुख्यमंत्रियों समेत 15 दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
बैठक में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पटना पहुंच चुके हैं। बैठक से एक दिन पहले बृहस्पतिवार शाम को आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने अगर दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन देने का वादा नहीं किया तो आप शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बहिर्गमन करेगी। इन खबरों से विपक्षी दलों के बीच दरार की अटकलें लगने लगी। इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को आमंत्रित नहीं किया गया है और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी एक पारिवारिक कार्यक्रम के कारण सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।
उत्तर प्रदेश से इस बैठक में केवल समाजवादी पार्टी (सपा) शामिल होगी। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (जेएमएम), महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के शामिल होने की उम्मीद है। इस बैठक में शामिल होने के लिए पटना आने वाले विपक्षी नेताओं की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तथा राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा यहां मुख्यमंत्री के एक अणे मार्ग आवास पर की जा रही है। बैठक में भाकपा, माकपा, भाकपा माले और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। शाम को यहां पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने यहां राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात करने यहां सर्किट हाउस पहुंचे।
यह पूछे जाने पर कि कल की बैठक में क्या होगा, बनर्जी ने तेजस्वी यादव के आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, मैं अभी कुछ नहीं कह सकती। हम यहां आए हैं क्योंकि हम एक साथ, वन टू वन (भाजपा के खिलाफ) लड़ेंगे। उन्होंने कहा, हम एक परिवार की तरह मिलकर लड़ेंगे। हालाँकि, बनर्जी ने अपने राज्य में वाम दलों के साथ कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के बारे में अपनी आपत्तियों और दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन नहीं मिलने पर आम आदमी पार्टी के बहिर्गमन के सवालों को टाल दिया। पटना के लिए रवाना होते समय कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष की बैठक रचनात्मक होगी और इस बात पर जोर दिया कि देश को आपदा से बचाने के लिए अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना होगा। पटना पहुंच कर केजरीवाल और मान पटना साहिब गुरुद्वारे भी गए। सूत्रों ने कहा कि बैठक को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से मुकाबला करने के लिए विपक्ष के एक साथ आने की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।उन्होंने कहा कि इसमें सीट-बंटवारे के मुद्दे और नेतृत्व के सवाल को फिलहाल टालने के साथ विपक्षी एकता के लिए एक बुनियादी रूपरेखा पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, यह सिर्फ शुरुआत है। रणनीति, नेतृत्व प्रश्न और सीट-बंटवारे पर इस स्तर पर चर्चा होने की संभावना नहीं है। नेता ने कहा कि भाजपा को घेरने के लिए विपक्ष संयुक्त रूप से जो मुद्दे उठाएगा, वे एजेंडे में सबसे ऊपर होंगे और इस संदर्भ में मणिपुर हिंसा और वहां केंद्र की कथित विफलता पर चर्चा होने की संभावना है। यह बैठक कांग्रेस और तृणमूल के मध्य तनाव के बीच भी हो रही है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक प्रखंड कार्यालय के बाहर धरना दिया और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने राज्य में पंचायत चुनावों से पहले कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। भाजपा विपक्ष के खेमे में मतभेदों को लेकर तथा नेतृत्व के सवाल पर उस पर कटाक्ष कर रही है।